
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
लोहरदगा 25 अप्रैल 2025। भाजपा नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस को झारखंड विरोधी और आदिवासी विरोधी करार देते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा संविधान निर्माता डॉ भीमराव आंबेडकर का अपमान किया है। भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए सोरेन ने कहा कि कांग्रेस नेता आंबेडकर से अपनी निकटता दिखाने के लिए संविधान की किताब को जेब में रखते हैं, लेकिन उनकी पार्टी ने ही आंबेडकर को दो बार लोकसभा चुनाव में हरवाया था।
‘कांग्रेस ने आंबेडकर को कभी सम्मान नहीं दिया’
अपने संबोधन में पूर्व सीएम ने आगे कहा कि उस समय के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने दोनों बार आंबेडकर के खिलाफ चुनावी अभियान चलाया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आंबेडकर को कभी सम्मान नहीं दिया। उन्हें 1990 में मरणोपरांत भारत रत्न तब मिला जब भाजपा समर्थित सरकार सत्ता में थी। सोरेन ने आगे कहा कि भाजपा संविधान को जेब में नहीं, दिल में रखती है। सोरेन ने अपने भाषण में कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी ने 1961 में आदिवासियों की सरना धर्म संहिता को रद्द कर दिया और झारखंड आंदोलन के कार्यकर्ताओं पर गोलियां चलवाईं।
झामुमो पर भी साधा निशाना
इसके साथ ही बिना किसी पार्टी का नाम लिए चंपई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो भी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन करती है, वह आदिवासियों के हित में काम नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय, खासकर अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में, झारखंड राज्य का गठन हुआ। अगर वाजपेयी जी की सरकार नहीं होती, तो झारखंड कभी नहीं बनता।
धर्मांतरण और घुसपैठ पर जताई चिंता
चंपई सोरेन ने अपने संबोधन के अंत में संताल परगना क्षेत्र में आदिवासियों के धर्मांतरण और बांग्लादेशियों की घुसपैठ को लेकर चिंता जताई। साथ ही इसके लिए उन्होंने हेमंत सरकार को जिम्मेदार ठहराया। सोरेन ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अभी नहीं जागे, तो हमारे सरना स्थलों पर पूजा करने के लिए कोई आदिवासी नहीं बचेगा।