छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बंगलूरू 08 दिसंबर 2023। अंतरिक्ष विज्ञान में आगे बढ़ने के लिहाज से साल 2024 भारत के लिए बेहद अहम होने जा रहा है। इस दौरान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) तीन प्रमुख रॉकेटों से अहम मिशन अंतरिक्ष में भेजेगा। सरकार ने राज्यसभा में बताया कि लॉन्च व्हीकल मार्क 3 (एलवीएम-3) से एक प्रक्षेपण होगा। वहीं, पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) के जरिये छह और जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) के जरिये तीन मिशन भेजे जाएंगे। पीएमओ में केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया, कुछ अन्य मिशन भी अंतरिक्ष में भेजने की योजना है।
देश की तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन करने वाला उपग्रह नए रॉकेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) की तीसरी विकास उड़ान में भेजा जाएगा। गगनयान मिशन के तहत दो मानव रहित उड़ानों की भी योजना है। मानव के साथ अंतरिक्ष मिशन भेजने की क्षमता की पुष्टि होगी और असल उड़ान के ऑर्बिट मॉड्यूल की जांच की जाएगी। गगनयान के लिए ही सब-ऑर्बिट मिशन भी परीक्षण रॉकेट के जरिये भेजने की योजना है। इससे गगनयान की क्रू-एस्केप प्रणाली परखी जाएगी।
20 सैटेलाइट होंगे लॉन्च
इसरो की कारोबारी शाखा न्यू स्पेस इंडिया लि. (एनएसआईएल) के कारोबारी करार के तहत 20 उपग्रह अंतरिक्ष में प्रक्षेपित होंगे। ये जीसैट उपग्रह संचार के काम आएंगे। दोबारा उपयोग होने वाले रॉकेट के दो परीक्षणाें से ऑटोनॉमस रनवे लैंडिंग प्रणाली परखी जाएगी।
रॉकेटों के प्रमुख मिशन
पीएसएलवी के मिशन : जो 6 मिशन भेजे जाने हैं, उनमें एक-एक अंतरिक्ष विज्ञान उपग्रह व पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह और दो-दो तकनीकी प्रदर्शन मिशन व एनएसआईएल के व्यावसायिक मिशन हैं।
जीएसएलवी के मिशन : इस बाहुबली रॉकेट के जरिये मौसम-विज्ञान, दिशा प्रदर्शक उपग्रह और नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार सैटेलाइट (निसार) भेजे जाएंगे।
एलएमवी 3 के मिशन : एनएसआईएल के व्यावसायिक मिशन भेजने की योजना है।