छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बिलासपुर 03 सितम्बर 2023। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने बिलासपुर संभाग के 25 विधानसभा क्षेत्र के पदाधिकारी और नेताओं की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने विधानसभावार सीटों पर मंथन किया और हार-जीत के कारणों की समीक्षा की। इसमें जातीय समीकरण से लेकर हर पहलुओं पर गहन चर्चा की। बैठक में कमजोर सीटों पर उनका ज्यादा फोकस रहा। इस दौरान उन्होंने संगठन के सभी पदाधिकारियों को अपने अपने क्षेत्र के उम्मीदवारों को जीत दिलाने के संकल्पित होकर काम करने की नसीहत दी। खास बात यह है कि इस बैठक में दावेदारों को लेकर किसी तरह की चर्चा नहीं की गई।
करबला स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित बैठक में संभाग के 25 विधानसभा क्षेत्र के विस्तारकों के साथ ही पार्टी पदाधिकारियों को ही बुलाया गया था। बैठक की औपचारिक शुरुआत करने के बाद राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने विधानसभावार एक-एक सीट पर चर्चा की और पदाधिकारियों से जानकारी ली। इस दौरान उनका फोकस हारी हुई सीटों पर रहा। पदाधिकारियों और विस्तारकों से चर्चा के बाद उन्होंने सीधे सवाल किया कि विधानसभा प्रभारी कितने बार अपने क्षेत्रों का दौरा करते हैं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करते हैं। उनका सीधा कहना था कि जब तक आप क्षेत्र में नहीं जाएंगे, तब तक वहां की स्थिति का आंकलन कैसे कर सकेंगे।
कोटा विधानसभा की जीत का क्या है मूलमंत्र
समीक्षा बैठक में महामंत्री संतोष ने कोटा विधानसभा के साथ ही मरवाही, तानाखार जैसे सीटों पर सवाल किया। उन्होंने कहा कि ऐसी क्या वजह है कि हम कोटा विधानसभा सीट को आज तक नहीं जीत पाएं हैं। उन्होंने पदाधिकारियों के साथ ही विधानसभा प्रभारी से इसकी जानकारी ली। साथ ही कहा कि जिन सीटों पर हम कमजोर हैं, वहां हमको ज्यादा ध्यान देना है। वहां जातिगत समीकरणों के साथ ही आम जनता के बीच पहुंचकर सरकार की नीतियों के साथ ही कांग्रेस की विफलता को गिनाएं, तभी हम मजबूत हो सकते हैं।
सीवरेज बना बिलासपुर में हार की वजह
समीक्षा बैठक में बताया गया कि बिलासपुर विधानसभा शहरी है फिर भी हम चुनाव कैसे हार गए। जबकि, शहरी इलाकों में हमारा संगठन मजबूत है। इस दौरान महामंत्री को बताया गया कि हार की वजह सीवरेज परियोजना रही। इसके साथ-साथ ब्राह्मण वोटर्स एकजुट हो गए थे, जिसका खामियाजा अमर अग्रवाल और पार्टी को भुगतना पड़ा। लेकिन, इस बार यह परिस्थिति नहीं रहेगी।
तीन चुनाव में कोरबा में कैसे मिली हार
विधानसभावार चर्चा करते हुए कोरबा प्रभारी वी रामाराव से भी सवाल किया गया कि 2008, 2013 और 2018 में कैसे हार गए। इसके बाद से अब तक क्या-क्या किया गया। वहां प्रत्याशी घोषित हो गया है, तो अब क्या गतिविधियां चल रही है। तब उन्होंने कोरबा दौरा करने और प्रत्याशी की जीत का समीकरण बनाने की जानकारी दी।
जातिगत समीकरणों के साथ ही दूसरी पहलुओं पर भी चर्चा
बैठक में यह भी चर्चा की गई कि विधानसभा क्षेत्रों में जातिगत समीकरणों पर विशेष ध्यान दिया जाए। सामाजिक नेताओं की मदद के साथ लोगों तक पहुंचे। इसके साथ ही केंद्र सरकार के किसान नीति, जनहित के कार्यों के साथ ही कांग्रेस व राज्य सरकार की विफलता पर चर्चा करें। राष्ट्रीय महामंत्री ने हर पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने के लिए कहा।
विधानसभा प्रभारियों की ली क्लास
संभागीय बैठक के बाद विधानसभा प्रभारियों की क्लास ली। उन्होंने विधानसभा की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों के साथ ही सामाजिक समीकरण को लेकर विस्तार से जानकारी मांगी। प्रवास को लेकर सवाल किया। उन्होंने पूछा कि वे अपने प्रभार वाले विधानसभा में प्रवास कर रहे हैं या नहीं। संगठनात्मक गतिविधियों की विस्तार से जानकारी मांगी। पोलिंग बूथ के अलावा शक्ति केंद्र के गठन और वहां कामकाज के संबंध में विस्तार से जानकारी मांगी और जरूरी निर्देश भी दिए।