छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
इंफाल 02 जुलाई 2023। मणिपुर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। रुक-रुक कर हिंसा भड़क रही है। इस बीच, एक बार फिर शनिवार देर रात बिष्णुपुर जिले में फायरिंग में तीन मैतेइ वॉलंटियर की मौत की खबर है। यह घटना बिष्णुपुर जिले के खुम्बी थाना अंतर्गत लींगंगताबी पुलिस आउट पोस्ट के पास, लिंगंगताबी आवासीय विद्यालय में हुई। सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार देर रात करीब 12.30 बजे उत्तर पश्चिम दिशा से गोलीबारी की आवाज सुनी गई। इसके बाद रात करीब 02:20 बजे, डंपी हिल क्षेत्र से अज्ञात हथियारबंद बदमाशों, संदिग्ध कुकी विद्रोहियों ने वहां तैनात वीडीएफ/पुलिस कमांडो की ओर गोलीबारी शुरू कर दी। वीडीएफ/पुलिस कमांडो ने इसका जवाब दिया। रात भर वीडीएफ/पुलिस कमांडो और संदिग्ध कुकी उपद्रिवियों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी चलती रही।
जानकारी के मुताबिक इस दौरान मैतेई वॉलंटियर जो खोइनुमंतबी चिंगथक में बंकर में पोजिशन ले रहे थे, उन्हें कुकी उपद्रवियों से गोलीबारी का सामना करना पड़ा। गोलीबारी की घटना के बाद तीन मैतेई वॉलंटियर खोइजुमंतबी चिंगथक बंकर में मृत पाए गए। मृतकों की पहचान निंगोमबम इबोमचा (34) लीकाई के इबोटोन, हाओबाम इबोचा (41) चिंग्या और नाओरेम राकेश (26) चिंग्या के रूप में हुई है। सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल स्थिति पूरी तरह काबू में है। सेना, पुलिस और सुरक्षबलों ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
क्यों भड़की मणिपुर में हिंसा
दरअसल मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।