छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 29 मई 2023। दिल्ली के जंतर-मंतर पर रविवार को पुलिस और पहलवानों के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई। दिल्ली पुलिस ने कई पहलवानों को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नये संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून-व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर हिरासत में लिया और जंतर-मंतर से पहलवानों के तंबू भी हटा दिए गए। पुलिस ने वहां धारा 144 लगाते हुए कहा कि अब पहलवानों को वहां दोबारा वापस नहीं आने दिया जाएगा। पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर पहलवानों में गुस्सा देखने को मिल रहा है।
साक्षी बोलीं- हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ
साक्षी मलिक ने ट्वीट किया, ‘हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है… हम अपना सत्याग्रह जंतर-मंतर से शुरू करेंगे। इस देश में तानाशाही नहीं होगी, बल्कि महिला पहलवानों का सत्याग्रह होगा।’
मैं बाकी पहलवानों से मिलूंगा: बजरंग पुनिया
मामले को लेकर बजरंग पुनिया ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यौन उत्पीड़न के आरोपी एक व्यक्ति ने नए संसद भवन के उद्घाटन में भाग लिया। दिल्ली पुलिस को हमारे खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में केवल कुछ घंटे लगे लेकिन बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में उन्हें 7 दिन लग गए। घर वापस जाना कोई विकल्प नहीं है। मैं बाकी पहलवानों से मिलूंगा और हम तय करेंगे कि आगे क्या करना है।
विनेश फोगाट ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृज भूषण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में सात दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में सात घंटे भी नहीं लगाए। क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है? सारी दुनिया देख रही है सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ कैसा बर्ताव कर रही है। एक नया इतिहास लिखा जा रहा है।
जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं: दिल्ली पुलिस
उधर, दिल्ली पुलिस ने कहा कि पिछले 38 दिनों से जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों को हमने हर संभव सुविधा मुहैया कराई। लेकिन कल उन्होंने सभी अनुरोधों के बावजूद कानून का उल्लंघन किया। उन्हें हिरासत में लिया गया और शाम तक रिहा कर दिया गया, यदि पहलवान भविष्य में फिर से धरना-प्रदर्शन के लिए आवेदन देते हैं, तो उन्हें जंतर-मंतर के अलावा किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर इसके लिए अनुमति दी जाएगी।