छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
कोलकाता 07 मई 2023। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में शनिवार को चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति बनने को मौसम वैज्ञानिक अगले सप्ताह क्षेत्र में चक्रवाती तूफान आने की आशंका तेज होने के रूप में देख रहे हैं। दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में पिछले कुछ दिनों से बारिश और धूल भरी आंधी चल रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, ‘‘एक चक्रवाती परिसंचरण की स्थिति निचले और मध्य क्षोभमंडल स्तरों में बंगाल की खाड़ी और दक्षिण-पूर्व में बन रही है। इसके प्रभाव से 8 मई तक उसी क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बनने का अनुमान है।’
उन्होंने कहा कि कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद संभावित चक्रवात के मार्ग और तीव्रता के बारे में जानकारी बाद में उपलब्ध कराई जाएगी। महापात्रा ने कहा कि नौ मई के आसपास बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में कम दबाव का क्षेत्र बनने और इसके चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है।
चक्रवात का नाम ‘मोचा’ (मोखा) रखा जाएगा, जो यमन द्वारा सुझाया गया नाम है। मौसम कार्यालय ने मछुआरों को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में रविवार से 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की चेतावनी दी है। मौसम कार्यालय ने कहा कि जो लोग बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में हैं, उन्हें सात मई से पहले और जो लोग बंगाल की मध्य खाड़ी में हैं, उन्हें 9 मई से पहले सुरक्षित स्थानों पर लौटने की सलाह दी जाती है।
मौसम कार्यालय ने लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की दी सलाह
मौसम कार्यालय ने मछुआरों को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में रविवार से 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की चेतावनी दी है। मौसम कार्यालय ने कहा, जो लोग बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में हैं, उन्हें 7 मई से पहले सुरक्षित स्थानों पर लौटने की सलाह दी जाती है। इनके अलावा मध्य बंगाल की खाड़ी के लोगों को 9 मई से पहले लौटने की सलाह दी जाती है। साथ ही यह भी सुझाव दिया कि 8 से 12 मई के बीच अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास पर्यटन, अपतटीय गतिविधियों और शिपिंग का नियमन किया जाए।
चक्रवात बनने के लिए अनुकूल परिस्थितियां
विंडी डॉट कॉम ने बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बताई है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर उष्णकटिबंधीय चक्रवात की ताप क्षमता 100 किलोजूल प्रति वर्ग सेमी. (केजे /सेमी) से अधिक है। किलोजूल ऊर्जा मापने की एक इकाई है। यह ताप क्षमता समुद्र की ऊपरी परतों में जमा होने वाली ” ऊष्मा की मात्रा को इंगित करती है। अध्ययनों के अनुसार 60 किलोजूल प्रति वर्ग सेमी. से ऊपर की ताप क्षमता उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की तीव्रता को बढ़ा सकती है।
इस साल अल-नीनो के गर्म होने की संभावना
डब्ल्यूएमओ के अनुसार इस साल मई- जुलाई के दौरान अल-नीनो के विकसित होने की 60% संभावना है। यह जून- अगस्त में लगभग 70% और जुलाई- सितंबर के बीच 80% तक बढ़ जाएगा। अल-नीनो औसतन हर 2 से 7 साल में होता है, जो 9 से 12 महीने रहता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक अल-नीनो की स्थितियां मानसून के दौरान विकसित हो सकती हैं और मानसून के दूसरे चरण में इसका असर महसूस हो सकता है। यह पूर्वानुमान कृषि क्षेत्र के लिए चिंता का सबब है।