छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रांची 21 अप्रैल 2023। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में साल 2018 में डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान मरीजों की मौत की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है। बता दें, इस कमेटी की अध्यक्षता रिटायर्ड प्रधान जिला जज करेंगे। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को जांच कमेटी गठित कर जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस संजय मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
एक मरीज की जान जाने के बाद हंगामा
झारखंड हाईकोर्ट में याचिका झारखंड छात्र संघ की ओर से दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि 1 जून 2018 को रिम्स में एक मरीज की कथित रूप से गलत इलाज करने की वजह से जान चली गई थी। इसे लेकर जूनियर डॉक्टरों और मृतक के परिजनों के बीच झड़प हुई थी। इसके बाद रिम्स में 2 जून 2018 से जूनियर डॉक्टरों और नर्सों ने हड़ताल कर दी थी। इस दौरान रिम्स में संपूर्ण चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। इस दौरान इलाज के बिना 28 मरीजों की भी मौत भी हुई थी।
डॉक्टरों पर दर्ज हुआ था मामला
हंगामे के बाद कोतवाली थाना में जिम्मेदार जूनियर डॉक्टरों और नर्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन नोटिस दिए जाने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं हुई। याचिका में इस पूरे मामले की जांच कमेटी बनाकर करने और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई थी।
हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार
उच्च न्यायालय ने इससे पहले मामले की सुनवाई करते हुए हड़ताल बुलाने के लिए जिम्मेदार डॉक्टरों और नर्सों के रवैये पर नाराजगी जताई थी। कहा था कि मरीजों की जान जोखिम में डालकर आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को रोका नहीं जा सकता है।