गोविंद स्वरूप ने पुणे के पास दुनिया के सबसे बड़े टेलिस्कोप में से एक ‘जॉइंट मीटर वेव रेडियो टेलिस्कोप’ स्थापित किया था
भारत रेडियो खगोलशास्त्र के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए सरकार ने उन्हें पद्मश्री से नवाजा था
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
पुणे 08 सितंबर 2020। रेडियो खगोलशास्त्री गोविंद स्वरूप का सोमवार रात 91 साल की उम्र में पुणे के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। राष्ट्रीय रेडियो खगोल भौतिकी केंद्र (एनसीआरए) ने उनके निधन की पुष्टि की है। एनसीआरए ने कहा, ‘हम बेहद भारी मन से यह घोषणा करते हैं कि हमारे विख्यात वैज्ञानिक एवं महान रेडियो खगोलशास्त्री प्रोफेसर गोविंद स्वरूप का सोमवार की रात नौ बजे निधन हो गया।’
दुनिया के सबसे बड़े टेलिस्कोप को पुणे में स्थापित किया
गोविंद स्वरूप ने पुणे के पास दुनिया के सबसे बड़े टेलिस्कोप में से एक ‘जॉइंट मीटर वेव रेडियो टेलिस्कोप’ को स्थापित किया था। उन्होंने उटी में एक बड़े रेडियो टेलिस्कोप की भी स्थापना की थी। भारत रेडियो खगोलशास्त्र के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए सरकार ने उन्हें पद्मश्री से नवाजा था। इसके अलावा भटनागर अवॉर्ड और ग्रोट रेबर मेडल भी उन्हें मिला था।
प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्त किया शोक
गोविंद स्वरूप के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख व्यक्त किया है। पीएम ने ट्वीट कर कहा कि प्रोफेसर गोविंद स्वरूप एक असाधारण वैज्ञानिक थे। रेडियो खगोल विज्ञान में उनके अग्रणी कार्यों ने दुनिया भर में काफी प्रशंसा प्राप्त की है। उनके निधन से मैं बेहद दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवारजनों और प्रिय लोगों के साथ हैं।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से की थी पढ़ाई
स्वरूप का जन्म 1929 में ठाकुरवाड़ा में हुआ था। वे 1950 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमएससी करने के बाद 1961 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पीएचडी करने गए थे। इसके बाद वह 1963 में भारत लौटे। लौटने के बाद उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च जॉइन किया। उन्हें इसका आमंत्रण होमी भाभा ने दिया था। यहां उन्होंने एक रेडियो एस्ट्रोनॉमी ग्रुप बनाया। जो आज भी मौजूद है।