छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 27 नवंबर 2022। अगले साल भारत के गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी पर आयोजित होने वाले समारोह में मुख्य अतिथि कै तौर पर शामिल होने के लिए मिस्र के राष्ट्रपति फत्ताह अल-सिसी को न्योता भेजा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का दावा किया जा रहा है कि वह अगले साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत आएंगे। दोनों देशों ने इसी साल राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई है। पिछले महीने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिस्र यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अल-सिसी से मुलाकात की थी।
इससे पहले पिछले साल गणतंत्र दिवस की परेड में किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि नहीं बनाया गया था। केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते यह अहम फैसला लिया था। वहीं, कोरोनावायरस महामारी के चलते लगातार दूसरे साल गणतंत्र दिवस पर किसी विदेशी नेता को मुख्य अतिथि नहीं बनाया गया था। 2021 में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था। हालांकि, तब ब्रिटेन में कोरोना महामारी ने तबाही मचाई थी और आखिर में जॉनसन ने भारत आने में असमर्थता जताई थी।
अरब देशों से मजबूत होती दोस्ती
भारतीय विदेस मंत्रालय के मुताबिक, इस साल 16 अक्टूबर को भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मिस्र की यात्रा की थी और दौरान राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी को आमंत्रित किया गया था। आपको बता दें कि, मिस्र 2023 में भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित नौ अतिथि देशों में शामिल है। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मुख्य अतिथि के रूप में निमंत्रण भारत के करीबी सहयोगियों और साझेदारों के लिए आरक्षित एक सांकेतिक सम्मान है। साल 2021 और 2022 में समारोह में कोई मुख्य अतिथि नहीं था और राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो 2020 समारोह में भाग लेने वाले अंतिम मुख्य अतिथि थे। आपको बता दें कि, भारत और मिस्र ने इसी साल दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने को लेकर 75वीं वर्षगांठ मनाई है।
भारत-मिस्र रक्षा संबंध कैसा है?
मिस्र के दौरे के दौरान भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके मिस्र के समकक्ष जनरल मोहम्मद जकी ने सभी क्षेत्रों में रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है और भारत और मिस्र के रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग बढ़ाने के प्रस्तावों की पहचान करने पर सहमति व्यक्त जताई है। दोनों पक्ष ट्रेनिंग के लिए संयुक्त अभ्यास और सैन्य कर्मियों के आदान-प्रदान को बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं, जो विशेष रूप से उग्रवाद और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र की नजर भारत के स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस को खरीदने पर है और मिस्र भारत से कम से कम 70 तेजस फाइटर क्राफ्ट खरीदना चाहता है। मिस्र के वायु सेना प्रमुख महमूद फआद अब्द अल-गवाद ने रक्षा उपकरणों की खोज के लिए जुलाई में भारत का दौरा किया था और इसके बाद अक्टूबर 2021 में दोनों देशों के बीच पहला वायुसेना अभ्यास हुआ था। माना जा रहा है, कि भारत और मिस्र के बीच तेजस फाइटर जेट को लेकर डील जल्द ही फाइनल हो सकता है।