रोजगार-मुआवजे को लेकर सड़क पर भू-विस्थापित, पांच किमी रैली निकाल एसईसीएल का उपक्षेत्रीय कार्यालय घेरा

Chhattisgarh Reporter
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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

कोरबा 04 नवंबर 2022। छत्तीसगढ़ के कोरबा में एसईसीएल की ओपन कास्ट खदान से भू-विस्थापित एक बार फिर आंदोलनरत हो गए हैं। उन्होंने गुरुवार को पांच किमी लंबी रैली निकाली और एसईसीएल के उपक्षेत्रीय कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान भू-विस्थापित घंटों तक जमकर प्रदर्शन करते रहे। इसके चलते ऑफिस और ट्रांसपोर्ट का काम पूरी तरह से प्रभावित रहा। यह लोग लंबे समय से रोजगार और मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने 14 सूत्रीय मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा है। 

आउट सोर्सिंग कंपनी स्टारएक्स पर प्रताड़ना का आरोप
सराईपाली ओपन कास्ट खदान से प्रभावित परिवार रोजगार, बसाहट और मुआवजे को लेकर पाली स्थित शिव मंदिर के पास एकत्र हो गए। इसके बाद वहां से रैली निकाल खदान परिसर तक पहुंचे और कार्यालय का घेराव कर दिया। आरोप लगाया कि खदान में नियोजित आउट सोर्सिंग कंपनी स्टारएक्स से वे प्रताड़ित हैं। कहा कि लगातार कामगारों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। इसके चलते वे काफर परेशान हो चुके हैं। 

भू- विस्थापित ग्रामीणों की मुख्य मांग

  • पाली से तीन किमी के अंदर नजदीक में आधुनिकतम कॉलोनी विकसित कर पुनर्वास दिया जाए। 
  • सभी परिवार के सदस्यों ( छोटे खातेदारों सहित ) को रोजगार दो मुहैया कराया जाए। 
  • रोजगार के लिए लटकाकर रखे गए मामलो का त्वरित निराकरण करें। 
  • सराईपाली ओपन कास्ट अंतर्गत आउटसोर्सिंग कंपनी के कामगारों  (ड्राइवर ,आपरेटर , हेल्फर , सुपरवाइजर अथवा अन्य किसी भी प्रकृति के कार्यो में नियोजित ) को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना बंद करें। 

ये प्रमुख मांगे है। इसके अलावा और कई मांगे है, जिन्हें जल्द पूरा नहीं करने पर आने वाले दिनों में बृहद रूप से आंदोलन की चेतावनी दी गई है। 

मांग पूरी नहीं होने पर चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी
ऊर्जाधानी भू-स्थापित इकाई के अध्यक्ष चंदन सिंह बंजारा ने बताया कि पहले भी कई बार निवेदन किया जा चुका है, लेकिन हर बार केवल झूठा आश्वासन ही मिलता आया है। इसके कारण चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया गया है। पहले चरण में हजारों की संख्या में रैली और प्रदर्शन के साथ 14 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है। इसके बाद कोरबा क्षेत्रीय मुख्यालय का घेराव किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उसके बाद यहां के खदान को पूरी तरह से बंद किया जाएगा।

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