छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 28 सितंबर 2022। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर सरकार ने बड़ा ऐक्शन लिया है। लगातार छापेमारी के बाद अब गृह मंत्रालय ने पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर पांच साल का बैन लगा दिया है। टेरर लिंक को लेकर यह कार्रवाई की गई है। कई राज्यों ने केंद्र सरकार से पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। बता दें कि ईडी और एनआईए के पहले राउंड की छापेमारी में 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं दूसरे राउंड की छापेमारी में 247 लोगों को अरेस्ट किया गया। गृह मंत्रालय का कहना है कि टेरर लिंक के सबूत मिलने और एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है। पीएफआई से जुड़े संगठनों पर भी बैन लगाया गया है। इनमें कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, रिहैब इंडिया फाउंडेशन, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल और अन्य कई संगठन शामिल हैं। बताते चलें कि पहले राउंड में 11 राज्यों में छापेमारी हुई थी और उसके बाद पीएफआई से जुड़े लोगों ने हंगामा भी किया था। वहीं दूसरे राउंड में 8 राज्यों मे ंरेड डाली गई। दिल्ली के जामिया नगर में धारा 144 लगा दी गई थी।
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि पीएफआई कई आपराधिक और आतंकी मामलों में शामिल रहा है जो संवैधानिक प्राधिकार का अनादर करता है। बाह्य स्रोतों से धन और वैचारिक समर्थन की वजह से यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि, कॉलेज प्रोफेसर का हाथ काटना, अन्य धर्मों को मानने वाले लोगों पर हमला करना, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे मामलों की पुष्टि हुई है।
क्या हैं प्रतिबंध के मायने
प्रतिबंध के मायने ये हैं कि इस संगठन से जुड़े किसी भी शख्स पर कार्रवाई की जा सकती है। देश में जिस तरह की गतिविधि पीएफआई चला रहा था उसपर रोक लगाई जाएगी। एजेंसियों ने पांच एफआईआर दर्ज की हैं और उसमें यूएपीए लगाया गया है। इसके अलावा पीएफआई से जुड़े संगठनों पर भी कार्रवाई की जा सकेगी। विदेशी फंड को पीएफआई जिस तरह से लीगल बताने की कोशिश करता था, उसपर भी शिकंजा कसा जाएगा।
देश ही नहीं विदेश में भी भारत विरोधी गतिविधि, हवाला के जरिए फंडिंग
पीएफआई केवल देश में ही नहीं बल्कि खाड़ी देशों में भी भारत के खिलाफ अजेंडा चलाता था। पीएफआई एक अखबार चलाता था जिसका नाम ‘तेजस गल्फ डेली है।’ इस अखबार के जरिए वह खाड़ी देशों में भारत विरोधी अजेंडा चलाता है। इसके अलावा अखबार के जरिए वह विदेशी फंडिंग को लीगल बनाने का भी काम करता था। पीएफआई अबूधाबी के एक रेस्तरां के जरिए भी हवाला के माध्यम से फंडिंग प्राप्त करता था। विदेशी फंडिंग के बल पर वह देश में कट्टरपंथ को हवा देने का काम कर रहा था।
कांग्रेस सांसद ने की RSS पर प्रतिबंध लगाने की मांग, SDPI का बयान- ‘देश में अघोषित आपातकाल’
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई ) पर पांच साल के प्रतिबंध के बाद सियासत शुरू हो गई है। गृह मंत्रालय के फैसेल पर कांग्रेस सांसद ने आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है। केरल में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में मुख्य सचेतक कोडिकुन्निल सुरेश ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना कोई उपाय नहीं है। हम आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं। आरएसएस पूरे देश में हिंदू सांप्रदायिकता फैला रहा है। पीएफआई और आरएसएस एक समान हैं, इसलिए सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
देश में अघोषित आपातकाल: एसडीपीआई
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) ने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया है। पार्टी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पीएफआई पर बैन लगाना भारतीय संविधान और लोकतंत्र पर हमला है। बयान में कहा गया है कि देश में अघोषित आपातकाल लागू है।