छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 01 मई 2022। पूर्व न्यायाधीशों, सेवानिवृत्त अफसरों और सशस्त्र बलों के पूर्व अधिकारियों समेत 197 हस्तियों ने मोदी सरकार के समर्थन में खुला पत्र लिखा है। इसमें इन सभी ने विरोधियों पर नफरत की राजनीति करने और जनता की राय को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। यह पत्र 108 नौकरशाहों के देश में बढ़ रही घृणा की राजनीति खत्म करने की अपील संबंधी खत के जवाब में लिखा गया है।
खुद को ‘चिंतित नागरिक’ करार देने वाले समूह ने कहा कि वह पूर्व नौकरशाहों के एसोसिएशन के सांविधानिक आचरण समूह (सीसीजी) द्वारा पीएम मोदी को लिखे खुले खत पर विश्वास नहीं करता है क्योंकि इससे पीछे राजनीतिक मकसद है। उन्होंने कहा कि यह खत समूह की जनता की राय के खिलाफ अपनी हताशा निकालने का तरीका है। जनता पीएम मोदी के पीछे दृढ़ता से खड़ी है और यह हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत से साबित भी हुआ।
नफरत की राजनीति को हवा दे रहे
समूह ने लिखा कि सीसीजी द्वारा लिखे गए खत में उनका गुस्सा और पीड़ा केवल दिखावटी है। वास्तव में वे नफरत की राजनीति को हवा दे रहे हैं। वे अपने पूर्वाग्रहों और झूठे चित्रण से मौजूदा सरकार के खिलाफ एक धारणा तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।
इन लोगों ने लिखा खत : देश के 8 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, 97 सेवानिवृत्त नौकरशाहों और 92 सेवानिवृत्त सशस्त्र बलों के अधिकारियों सहित 197 लोगों ने पत्र लिखा है। इसमें इन सभी के हस्ताक्षर भी हैं।