
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
हजारीबाग 01 मई 2022। झारखंड के हजारीबाग जिले के एक पुलिस थाने के अंदर प्रतिबंधित नक्सली संगठन के एक सदस्य की हिरासत में मौत के मामले में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इन पुलिसकर्मियों पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप लगे हैं। पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के 32 वर्षीय सदस्य नंद किशोर महतो मंगलवार सुबह हजारीबाग के मुफस्सिल थाना के लॉकअप के शौचालय में फंदे से लटका पाया गया था। पीएलएफआई भाकपा (माओवादी) का ही एक अलग समूह है।
हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे ने बताया कि 25 और 26 अप्रैल की मध्य रात्रि को पीएलएफआई का नक्सली नन्द किशोर महतो गिरफ्तार किया गया और उसे मुफस्सिल थाने में हिरासत में रखा गया था, जहां उसे सुबह हाजत के शौचालय में फांसी से लटकता पाया गया था । चौथे ने बताया कि मौत की सूचना मिलने के तुरंत बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ प्रारंभिक जांच की और हाजत की अभिरक्षा में लगे एक सहायक पुलिस उपनिरीक्षक समेत पांच पुलिस कर्मियों को कर्त्तव्य में लापरवाही के लिए बुधवार रात को ही तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि मामले की सीआईडी जांच भी शुरू कर दी गयी है, जबकि दूसरी ओर पुलिस प्रशासन के अनुरोध पर हजारीबाग के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यप्रकाश सिन्हा ने मामले की न्यायिक जांच के लिए प्रथम श्रेणी के एक न्यायिक मजिस्ट्रेट को जिम्मेदारी सौंपी है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि न्यायिक मजिस्ट्रेट और पुलिस टीम के निष्कर्षों को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को भेजा जाएगा। रांची से आई सीआईडी की टीम भी अलग से जांच करेगी। टीम घटना स्थल का दौरा करेगी और एक एएसआई सहित निलंबित पुलिसकर्मियों से पूछताछ करेगी।
उन्होंने कहा कि महतो, जो पहले भाकपा (माओवादी) से जुड़ा था, हाल ही में जेल से बाहर आया था और पीएलएफआई में शामिल हुआ था। महतो पर हजारीबाग जिले के बड़कागांव और केरेदारी थाना क्षेत्रों में संचालित एनटीपीसी, ओएनजीसी और निर्माण कंपनियों से रंगदारी वसूलने का आरोप था। इसके लिए पुलिस ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था, जिसने उसे 25 और 26 अप्रैल की दरम्यानी रात को गिरफ्तार किया था।