छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
लखनऊ 01 सितंबर 2022। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद ठप पड़ी विपक्षी एकता की मुहिम में बिहार में जदयू-राजद के मिलन ने नए सिरे से जान फूंक दी है। तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात कर विपक्षी एकता कायम करने की नई शुरुआत की है। राव के करीबियों का मानना है कि गुजरात, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद नए साल में विपक्ष में एकता की संभावना मजबूत हो सकती है। हालांकि, इस बार भी विपक्ष पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फॉर्मूले पर आगे बढ़ता दिख रहा है। दूसरी ओर मिशन 2024 के लिए भाजपा ने विपक्ष शासित राज्यों को खंगालने और नए क्षेत्रीय, जातीय, सामाजिक समीकरण पर आगे बढ़ने की रणनीति बनाई है। विपक्ष को एक मंच पर लाने के लिए इस बार क्षेत्रीय दलों को जोड़ने और ममता बनर्जी के पुराने फार्मूले पर चुनाव लड़ने पर जोर दिया जा रहा है। इसके तहत पहली योजना नेतृत्व के सवाल को गौण रखते हुए कांग्रेस के इतर सबसे पहले गैरराजग क्षेत्रीय दलों को एक साथ लाने की है। ममता का फार्मूला था कि जो दल जिस राज्य में मजबूत हो, दूसरे दल उस राज्य में उसी की अगुवाई में चुनाव लड़ें।
विपक्ष शासित राज्यों पर भाजपा लगाएगी जोर
बहुत पहले ही मिशन 2024 की तैयारी की शुरुआत कर चुकी भाजपा की रणनीति अपना पुराना गढ़ बचाए रखने और विस्तार की संभावना वाले राज्यों में पूरी ताकत झोंकने की है। विस्तार के लिए इस बार पार्टी ने तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल को चुना है। पार्टीशासित राज्यों में संगठन और सरकार को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए पार्टी नए जातीय, सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरण पर आगे बढ़ रही है। विपक्षशासित राज्यों में रणनीति बनाने का जिम्मा एक बार फिर से गृह मंत्री अमित शाह को दिया गया है। इस क्रम में शाह अगले महीने बिहार, जम्मू कश्मीर और राजस्थान का दौरा करने वाले हैं।
इस तरह आगे बढ़ सकता है प्रयास
राव के करीबी सूत्रों का दावा है कि कई कारणों से लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता कायम हो सकती है। इसी साल कांग्रेस में जारी अध्यक्ष पद का विवाद सुलझेगा, जबकि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में उसे और आम आदमी पार्टी को अपनी ताकत का अहसास हो जाएगा। भाजपा और मोदी के प्रति सभी में समान भय है। यही भय विपक्ष में एकता कायम कराएगी।
केसीआर-नीतीश ने ‘भाजपा मुक्त भारत’ का किया आह्वान
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने बुधवार को ‘विपक्षी एकता’ बनाने के प्रयासों के तहत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की। इस दौरान तीनों नेताओं ने ‘भाजपा मुक्त भारत’ का आह्वान किया। हालांकि, यह पूछे जाने पर कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री को विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में माना जा सकता है। इस पर केसीआर ने कहा, ‘ये बातें हम बाद में तय करेंगे।’ कांग्रेस को शामिल किए जाने के सवाल पर भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। राव ने प्रेसवार्ता के दौरान नीतीश कुमार को ‘बड़े भाई’ कहकर संबोधित किया। ब्यूरो
नीतीश बोले-थर्ड फ्रंट नहीं अब मेन फ्रंट बनेगा
विपक्ष को एकजुट करने के लिए नीतीश अब बिहार से बाहर निकलेंगे। राव के साथ बैठक के बाद नीतीश ने कहा कि थर्ड फ्रंट नहीं अब मेन फ्रंट बनेगा।
दो दिवास्वप्न देखने वालों का मिलन : भाजपा
केसीआर और नीतीश की मुलाकात को लेकर बिहार की सियासत गर्म है। भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने दोनों नेताओं की बैठक को दो दिवास्वप्न देखने वालों का मिलन बताया। कहा, दोनों जनाधार खो चुके हैं।
न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत साथ आए विपक्ष: शरद
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने एक बार फिर 2024 आम चुनाव के लिए विपक्षी एकता की वकालत की है। एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत सभी विपक्षी दलों को एक साथ आने और मोदी सरकार का मुकाबला करने के बारे में सोचना चाहिए। भाजपा पर निशाना साधते हुए एनसीपी प्रमुख ने कहा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक में विधायकों को तोड़ने के लिए पैसे, सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग किया गया है। यही कोशिश झारखंड में की जा रही है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार और उसकी नीतियों पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2014 में किये वादों को पूरा नहीं किया है। एनसीपी प्रमुख ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने भाजपा से संबंध तोड़ कर एक अच्छा राजनीतिक निर्णय लिया है, हम इसका स्वागत करते हैं। गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने पर शरद पवार ने कहा कि यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है।