छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
मुंबई 23 अगस्त 2022। शिवसेना पर अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज एक बार फिर से सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान शिंदे गुट और उद्धव खेमा की तरफ से दलीलें दी गईं। दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे द्वारा ‘असली शिवसेना’ पार्टी के रूप में मान्यता देने और उसे ‘धनुष और तीर’ का चुनाव चिन्ह आवंटित करने के लिए दायर आवेदन पर गुरुवार तक कोई कार्रवाई न करे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को पांच जजों की संविधान पीठ को सौंप दिया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब संविधान पीठ तय करेगी कि क्या स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव लंबित हो तो वह अयोग्यता पर सुनवाई कर सकते हैं। पार्टियों के आंतरिक लोकतंत्र और उसमें चुनाव आयोग की भूमिका पर भी संविधान पीठ को विचार करे।
गुरुवार को संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करें मामला
न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि मामले को परसों संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करें और पीठ चुनाव आयोग की कार्यवाही से संबंधित चुनाव चिन्ह के बारे में शुरुआत में फैसला करेगी।
शिंदे गुट ने शिवसेना पर किया था दावा
दरअसल, सरकार बनाने के बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पर अपना दावा किया था। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की थी कि उनके गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी जाए और पार्टी का चुनाव चिह्न तीर व धनुष आवंटित किया जाए। इसके खिलाफ उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी।