छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 26 जुलाई 2022। राष्ट्रमंडल खेलों (कॉमनवेल्थ गेम्स) की शुरुआत 28 जुलाई से होने जा रही है। इससे दो दिन पहले भारत को बड़ा झटका लगा है। ओलंपिक चैंपियन जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर हो गए हैं। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के महासचिव राजीव मेहता ने इसकी पुष्टि की।राजीव मेहता ने बताया- मुझे आज सुबह भारतीय एथलेटिक्स महासंघ द्वारा सूचित किया गया कि नीरज 100 प्रतिशत फिट नहीं हैं। उन्हें ग्रोइन इंजरी है और स्कैन के बाद उन्हें एक महीने के लिए आराम करने के लिए कहा गया है। नतीजतन, वह राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा नहीं लेंगे। हाल ही में नीरज ने भारत को वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक दिलाया था। अंजू बॉबी जॉर्ज (2003) के बाद वह ऐसा करने वाले सिर्फ दूसरे एथलीट बने। फाइनल में नीरज ने 88.13 मीटर दूर तक भाला फेंका था और रजत पदक अपने नाम किया था।हालांकि, वह इसी टूर्नामेंट में चोटिल भी हो गए थे। वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जेवलिन फाइनल के दौरान नीरज चोपड़ा को चोट लगी थी। फाइनल में नीरज अपनी जांघ पर पट्टी लपेटते भी नजर आए थे। अब उसी चोट की वजह से नीरज कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा नहीं लेंगे।24 वर्षीय एथलीट को गुरुवार को राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह के दौरान भारत का ध्वजवाहक बनना था। राजीव मेहता ने कहा है कि नए ध्वजवाहक पर फैसला आईओए के अन्य पदाधिकारियों से बात करने के बाद जल्द ही लिया जाएगा।
नीरज ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने के बाद कहा था- चौथे थ्रो के बाद मुझे जांघ में असहज महसूस हो रहा था। चौथे थ्रो के बाद मैं उतना जोर नहीं लगा पा रहा था, जितना मैं चाहता था। नीरज के इस बयान ने सभी देशवासियों की चिंता बढ़ा दी थी।कॉमनवेल्थ में प्रतिस्पर्धा कम होती है और पदक जीतने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे में नीरज चोपड़ा का स्वर्ण पदक जीतना तय माना जा रहा था, लेकिन उनके चोटिल होने पर भारत को एक पदक का नुकसान हुआ है।
नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। वह भारत की ओर से सिर्फ दूसरे ऐसे एथलीट बने जिन्होंने व्यक्तिगत कैटेगरी में गोल्ड जीता हो। इसके बाद वर्ल्ड एथलेटिक्स में मेडल जीतने के बाद नीरज से काफी उम्मीदें थीं।नीरज 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स के चैंपियन भी हैं। वह इस साल अपने स्वर्ण को डिफेंड करते। हालांकि, अब ऐसा नहीं हो सकेगा। 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में नीरज ने 86.47 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण अपने नाम किया था। तब उन्होंने फाइनल में छह प्रयासों में 85.50 मीटर, फाउल, 84.78 मीटर, 86.47 मीटर, 83.48 मीटर और फाउल दर्ज कराया था। उनका सबसे सफल प्रयास तीसरा प्रयास रहा था। इसी वजह से नीरज ने गोल्ड जीता था। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के हामिश पीकोक 82.59 के थ्रो के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे।