छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 13 जून 2022। भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा, भारत-रूस के बीच बहुआयामी सहयोग दुनिया के सबसे विस्तृत सहयोगों में से एक है और देश “सच्ची दोस्ती और आपसी विश्वास का निर्माण” करने में सफल रहे हैं, जिसमें कई गौरवपूर्ण मील के पत्थर हैं। रूस-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर उन्होंने रूस डाइजेस्ट पत्रिका के विशेष संस्करण में एक प्रस्तावना में यह टिप्पणी की। 12 जून को रूस का राष्ट्रीय दिवस भी मनाया जाता है।
वर्ष 2022 भारत की स्वतंत्रता के 75 साल और अप्रैल 1947 में स्थापित भारत-रूस राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ दोनों असवरों का मिलन वर्ष है। दोनों देशों के बीच संबंधों में हासिल किए गए मील के पत्थर पर बात करते हुए अलीपोव ने 1950-1960 के दशक में सोवियत सहायता से भारत में औद्योगीकरण और बिजली संयंत्रों के निर्माण के बारे में बताया।
उन्होंने 1958 में बॉम्बे में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना, 1971 की शांति, मित्रता और सहयोग की संधि, 1984 में सोयुज टी-11 अंतरिक्ष यान पर पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री की उड़ान, 2000 की रणनीतिक साझेदारी की घोषणा और कई अन्य उपलब्धियों का जिक्र किया।
दोनों देश के बीच खास पहल
राजदूत ने खास पहलों के बारे में विस्तार से बताया। इनमें से कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र निर्माण और मेक इन इंडिया व आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रमों के भीतर एके -203 राइफल निर्माण, लड़ाकू विमान और मुख्य युद्धक टैंक उत्पादन के साथ-साथ फ्रिगेट, पनडुब्बी, ब्रह्मोस और अन्य मिसाइल परियोजनाओं जैसे उन्नत रक्षा संबंध हैं।