छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
सतना 22 मई 2022। सतना जिले में मुआवजे की मांग को लेकर टावर पर चढ़े किसानों का हौसला खराब मौसम के आगे भी नहीं झुका। मुआवजे की मांग पूरी न होने के चलते किसान खराब मौसम में भी रातभर टावर पर ही चढ़े रहे। किसानों के मुआवजे की मांग को लेकर एक नई पेंच भी फंस गई है। उधर, किसानों के मुआवजे पर एक नई पेंच भी सामने आ गई है। जिसके दम पर पावर ग्रिड प्रबंधन किसानों को चक्कर लगवाने के साथ ही प्रशासन को भी उलझा के रखे हुए है।
मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का अनशन
उचेहरा विकासखंड के अतरबेदिया में चल रहा किसानों का अनशन शनिवार को खराब मौसम के बाद भी जारी रहा। धूल भरी तेज आंधी और बारिश के बीच भी अपनी मांग को लेकर किसान टावर पर चढ़े रहे। शुक्रवार सुबह से टावर पर चढ़े किसान आंधी-पानी में भी टावर पर ही बैठे रहे। इस बीच उनका साथ देने कई और पुरुष और महिलाएं भी वहां पहुंचीं।
जानकारी के अनुसार पावर ग्रिड प्रबंधन ने एडीएम राजेश शाही की फटकार के बाद प्रशासन को बताया कि किसानों के मुआवजे पर हाईकोर्ट से स्थगन मिला हुआ है। किसानों के पास भले ही प्रति टावर 12 लाख रुपये के मुआवजा भुगतान के आदेश हों, लेकिन हाईकोर्ट ने उस आदेश पर पावर ग्रिड प्रबंधन को स्टे दे रखा है। लिहाजा मुआवजा नहीं दिया जा सकता। इन स्थितियों के बीच अब मामला और उलझ सा गया है। किसान मुआवजे के लिए अनशन पर हैं, टावर पर चढ़े बैठे हैं। वे कुछ भी सुनने को तैयार नही हैं। एडीएम, एसडीएम को भी बैरंग वापस लौटा चुके हैं। वहां कानून-व्यवस्था के हालात निर्मित हो रहे हैं, जिसका सारा दारोमदार सतना जिला प्रशासन पर है। प्रशासन भी असमंजस में है कि अनशन कैसे खत्म कराया जाए?