साजिद खान
कोरिया (छत्तीसगढ़) छत्तीसगढ़ रिपोर्टर 21 दिसंबर 2021। जिले में इस समय तापमान में भारी गिरावट हो ली है। शरीर को ठिठुरा देने वाली ठंड है। कांक्रिट से बने पक्के का घर हो या झोपडी हो यह ठंड तो रात में कंपकपा दे रही है। और घर तो घर ही होता है। जब तक यह ठिठुरा देने वाली ठंंड रहेगी रात में हर कोई अपने अपने घरों में दुबक जा रहा है। लेेेेकिन एक तस्वीर ऐसी भी नजर आई जहां पेट के नाम पर दूसरे राज्य से आए मजदूर नेशनल हाइवे ४३ में कार्य कर रहे हैं। नेशनल हाइवे के कार्य को पूर्ण होना भी जरूरी है।
यह मजदूर सड़क की पुलिया निर्माण के कार्य में लगे हुए हैं। पन्नी का तंबू बनाकर ये लोग रात इसी में गुजारते हैं और सबेरे निर्माण कार्य को अंजाम देते हैं। नीचे सोने वाली जगह में बिस्तर के नीचे पैरा डाला हुआ दिखा। सामने आग जला लेते हैं। तंबू में कितना ही पैरा वाला बिस्तर नीचे क्यों न बिछा हो । रात में महसूस किया जा सकता है कि सडक के किनारे पर ऊपर तो तंबू वाली पन्नी से सरसराती ठंडी हवा से पन्नी कितना राहत दिला पाती होगी। मजदूरों ने बताया कि रहना है और पेट है। काम तो करना ही पड़ेगा।