साजिद खान
कोरिया 20 फरवरी 2021 (छत्तीसगढ़ रिपोर्टर)। 18 फरवरी 2021 को एसईसीएल हसदेव एरिया के केन्द्रीय चिकित्सालय आमाखेरवा में डीएफ प्रभारी नवनियुक्त डायरेक्टर पर्सनल एस. एम. चौधरी का दौरा हुआ। विभागीय जानकारी के अनुसार इस दौरे का मुख्य उद्देश्य चिकित्सालय में निरिक्षण के साथ एक्सरे रूम में लाई गई नई नवेली कंप्यूटराइज्ड रेडियोग्राफी मशीन का उद्घाटन करना था जो कि डीपी के हाथों नही हो सका। जिसका कारण बताया जाता है कि यह मशीन स्टोर से चिकित्सालय तक परिवहन में ही ब्रेक (क्रेक) हो गई। यदि उद्घाटन हो जाता तो मशीन को निर्माता कंपनी क्या वापस ले लेती ? एसईसीएल के और भी चिकित्सालयों में इस मशीन की सप्लाई होना पता चला है। ज्यादा दर में मशीन खरीदी में लोचा होने की खबर है। यह जांच का विषय है।
ज्ञात हो कि 18 फरवरी 2021 के दिन लाव लश्कर के साथ डायरेक्टर फाइनेंस नव नियुक्त प्रभारी डायरेक्टर पर्सनल एस. एम. चौधरी का हसदेव एरिया के आमाखेरवा केन्द्रीय चिकित्सालय के अंदर रेड कार्पेट तो नही बल्कि कलरफूल कार्पेट बिछाकर और दीवार में चपका कर सजाए गए गुलदस्तों से स्वागत हुआ। जानकारी के अनुसार पता चला कि डीपी को चिकित्सालय के एक्सरे रूम लाई गई नई कंप्यूटराइज्ड रेडियो ग्राफी मशीन का उद्घाटन करना था। लेकिन अधिकारियों को पता चला कि मशीन स्टोर रूम से यहां तक परिवहन में ब्रेक (क्रेक) हो गई है। ब्रेक हो चुकी मशीन का उद्घाटन करवाना ठीक नही है। सवाल भी पैदा होता है कि उद्घाटन हो चुकी मशीन को निर्माता कंपनी कैसे वापस ले लेती ? इसलिए उद्घाटन कार्यक्रम को रद्द कर चिकित्सालय का निरिक्षण कर कंपनी के स्टाफ और डाक्टरों के साथ संबोधन कक्ष में संबोधन को महत्व देकर कार्यक्रम को समाप्त कर दिया गया। दूसरे ही दिन चिकित्सालय के अंदर कलरफूल कार्पेट और दीवारों पर चपकाए गुलदस्ते गायब कर दिए गए। यदि बिछे और लगे रहने दिया तो कम से कम चिकित्सालय पहुंचने वाले बीमार नाट इंटाइटल न सही कम से कम इंटाइटिल मरीज का मजदूर परिवार खुश होकर कह तो सकता था कि हमारा एसईसीएल स्वास्थ्य के साथ-साथ हमको कलरफूल कार्पेट व गुलदस्तों से सजाकर सौंदर्य का बोध भी कराता है।
इस दौरे कार्यक्रम का विशेष पहलू यह रहा कि एसईसीएल डीपी को चिकित्सालय के अंदर स्वागत में कलरफूल कार्पेट, टाइल्स और दिवारों में चिपकाकर फूलों के गुलदस्ते तो जरूर दिखाए गए लेकिन चिकित्सालय के बाहर चीर घर जाने वाले रास्ते की तरफ चिकित्सालय की फटी दीवार कौन दिखाता ? जिसमें दरार पड़ चुकी है। जबकि बीते कुछ समय पहले ही एसईसीएल में सौंदर्यीकरण और रिपेयरिंग के नाम पर डिसेंट स्कीम के तहत करोड़ों का सिविल कार्य चला। जिसका कुछ बजट केंद्रीय चिकित्सालय में भी खर्च करना पता चला। जिसमें हाल में रिटायर्ड पूर्व पदस्थ डीपी करोडो रूपए से संचालित हो चुकी इसी डिसेंट स्कीम में एसईसीएल कल्याण मंडल के अध्यक्ष रह चुके थे। जिनको रिटायर्ड होने के आखिरी दिन चार्जशीट मिला। हर वर्ष इस चिकित्सालय के सिविल कार्यों की लागत में लगातार वृद्धि बढ जाती है। फिर भी पीछे बिल्डिंग की दीवार फटी है ऐसा क्यों ? केन्द्रीय चिकित्सालय में हुए सिविल कार्यों के लिए एक विशेष जांच करा दी जाए कि मेजरमेंट एडजेस्मेंट के नाम पर पिछले कई वर्षों से दो लाख के अंदर के कितने सप्लीमेंट्री पेपर कागजों में दौडते रहे, जांच में सब खुलासा हो सकता है। चिकित्सालय के बाहर सौंदर्यीकरण के नाम पर कमजोर शेड हवा में उड चुका है। इस चिकित्सालय में सिविल कार्यों में हर वर्ष बढ़ती लागत वृद्धि को लेकर डीपी स्वयं निगरानी रख कर गौर कर सकते हैं।
जानकारी लेने पर केंद्रीय चिकित्सालय की सीएमओ ने एसईसीएल के डीपी से मांगी गई अपनी मांग के संबंध में बताया कि हास्पिटल के लिए हम लोग चाह रहे थे कि कम्प्लीट रिनोवेशन (नवीनीकरण) हो जाता। हमारे यहां फर्नीचर और बहुत सी मशीनरी पुरानी हो चुकी है। सर ने पाजिटीव रिस्पांस दिया है और प्रपोजल बनाकर भेजने के लिए कहा है।
मेनली (मुख्यतः) यह है कि कम्प्लीट रिनोवेशन हो जाए हर चीज बिल्डिंग हो या इक़्युपमेंट हो। जो नया मार्डन चल रहा है। जिससे मरीजों को सुविधा हो। क्रेक हो चुकी मशीन के उद्घाटन के संबंध पूछा गया तो उन्होने कहा कि हम उसको इंस्टाल नही कर पाए। उसके इंजिनियर आएंगे वही इंस्टाल करेंगे। तभी इंस्टाल होगा। हां थोडा सा क्रेक हो गई है। अब वहां से परिवहन में क्रेक हुई है या स्टोर से हुई है। क्लीयर नही है। उनके इंजीनियर ही बता पाएंगे। हमने उनके इंजीनियर को इंफारमेशन दे दी है।