छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
जम्मू-कश्मीर 23 दिसंबर 2020। जम्मू-कश्मीर के जिला विकास परिषद यानी डीडीसी के पहले चुनाव में जहां गुपकर गठबंधन को 112 सीटों पर जीत मिली है तो वहीं बीजेपी 73 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली अकेली सबसे बड़ी पार्टी बनी है। इस चुनाव में ऐसे कई दिग्गजों ने भी अपनी किस्मत आजमाई जो पूर्व जम्मू-कश्मीर राज्य की सरकारों में या तो कई बार विधायक चुने जा चुके हैं या फिर मंत्री पद पर रह चुके हैं। राज्य चुनाव प्राधिकरण की तरफ से जारी किए आंकड़ों को देखें तो जम्मू-कश्मीर के डीडीसी चुनावों में 7 पूर्व मंत्री मैदान में उतरे थे, जिनमें से 5 को जीत मिली और बीजेपी के 2 नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है।
उरी में जीते कांग्रेस नेता, चल रही है सीबीआई जांच
पूर्वी कश्मीर के बारामूला जिले में उरी तहसील से चुनाव लड़ने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री ताज मोइनुद्दीन 1 हजार 596 वोटों से जीते हैं। कई बार विधायक चुने जाने के बाद मंत्री पद पर रह चुके नेता मोइनुद्दीन को 9 हजार 741 वोट मिले थे। 72 वर्षीय गुर्जर नेता ताज पर रोशी भूमि स्कैम को लेकर सीबीआई जांच चल रही है। मोइनुद्दीन को फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस औ महबूबा मुफ्ती की पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) दोनों का समर्थन हासिल था। वह गुपकर गठबंधन के प्रत्याशी थी। कांग्रेस के ‘ताज’ के नाम से पहचाने जाने वाले मोइनुद्दीन उरी से तीन बार विधायक रह चुके हैं। वह मुफ्ती मोहम्मद सईद, गुलाम नबी आजाद और उमर अब्दुल्ला की सरकारों में कैबिनेट का हिस्सा रह चुके हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के दिग्गजों को मिली जीत
दिग्गज नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और पूर्व मंत्री अब्दुल गनी को 351 वोटों से जीत मिली। वह रियासी जिले की महोर सीट से लड़ रहे थे। गनी उमर अब्दुल्ला सरकार में विधायक और मंत्री रह चुके हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता जगजीवन लाल ने रियासी सीट पर बीजेपी प्रत्याशी को 237 वोटों से हराया।
इसके अलावा पूर्व कांग्रेस मंत्री और गुर्जर नेता एजाज अहमद खान ने डीडीसी चुनावों में 1 हजार 578 वोटों से जीत हासिल की। दो बार विधायक चुने जा चुके एजाज अहमद नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। दिग्गज पहाड़ी नेता और पूर्व कांग्रेस मंत्री शब्बीर अहमद खान ने रजौरी जिले के मजाकोट सीट से चुनाव जीता है। वह उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली एनसी-कांग्रेस सरकार में मंत्री थे।
पूर्व बीजेपी मंत्री श्याम लाल चौधरी और शक्ति राज परिहार को जम्मू और दोडा जिलों में हार का सामना करना पड़ा है। चौधरी महज 11 वोटों से चुनाव हारे, जो कि डीडीसी चुनाव में सबसे कम मतों से दर्ज की गई हार है। बीजेपी-पीडीपी गठबंधन में मंत्री रह चुके चौधरी सुचेतगढ़ से साल 2008 और 2014 में विधायक बन चुके हैं। उन्हें आरएस पुरा के बॉर्डर इलाकों में काफी ताकतवर नेता माना जाता है।
बीजेपी-पीडीपी गठबंधन की सरकार में ही मंत्री रह चुके शक्ति सिंह परिहार दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें दोनों ही सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा। परिहार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता आसिम हाशमी ने 1 हजार 336 वोटों से हराया। परिहार बीजेपी की जम्मू-कश्मीर इकाई के उपाध्यक्ष रह चुके हैं।
पूर्व बीजेपी विधायक घरू राम और भारत भूषण ने जम्मू जिले में अपनी-अपनी सीटों से चुनाव जीता, वहीं पूर्व विधायक कांता अंधोत्रा, शहनाज गनाई, शाह मोहम्मद तंत्री और मुमताज खान यह चुनाव हार गए।