फाइजर-बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी
दावा- वायरस के सामने 96% असरदार है वैक्सीन
फाइजर और बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देने वाला यूनाइटेड किंगडम पहला पश्चिमी देश
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 02 दिसंबर 2020। यूनाइटेड किंगडम ने फाइजर और बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। अमेरिका और यूरोपीय संघ के फैसले से पहले फाइजर और बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देने वाला यूनाइटेड किंगडम पहला पश्चिमी देश बन गया है। यह वैक्सीन अगले हफ्ते से ब्रिटेन में उपलब्ध होगा।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही फाइजर कंपनी ने ऐलान किया था कि वो लैब में COVID-19 यानी कोरोना की ऐसी वैक्सीन बनाने में सफल हुई है, जो कि वायरस के सामने 96% असरदार है। कल ही जर्मनी की बायोफार्मास्यूटिकल कंपनी बायोएनटेक और उसकी अमेरिकी साझेदार फाइजर ने यूरोपिया संघ के सामने वैक्सीन रजिस्ट्रेशन के लिए औपचारिक आवेदन दिया था।
ब्रिटेन की मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) से फाइजर और बायोएनटेक कोरोना वायरस वैक्सीन का आकलन करने की मंजूरी दे दी। ये एजेंसी यह भी निर्धारित करने की प्रक्रिया में है कि क्या ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कठोर सुरक्षा मानकों को पूरा करती है या नहीं।
ब्रिटेन के मंत्री नादिम जहावी के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार होता है और फाइजर और बायोएनटेक द्वारा विकसित वैक्सीन को प्राधिकरण की मंजूरी मिलती है तो उसके कुछ ही घंटों में वैक्सीन का वितरण और टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा।
कंपनी का दावा- तीसरे चरण में वैक्सीन 90% सफल
फाइजर के अध्यक्ष और सीईओ डॉ अल्बर्ट बोरला ने कहा था कि यह विज्ञान और मानवता के लिए बड़ा दिन है। तीसरे चरण के ट्रायल के परिणामों के पहले सेट से यह स्पष्ट होने लगा है कि कोरोना वायरस से लड़ने में हमारी वैक्सीन कारगर है। हम वैक्सीन तलाशने में नया आयाम स्थापित कर रहे हैं. यह समय ऐसा है जब कोरोना वायरस वैक्सीन की जरूरत पूरे विश्व को है।
कंपनी के मुताबिक, ट्रायल में फाइजर वैक्सीन कोरोना को रोकने में 90 फीसदी से ज्यादा प्रभावी नजर आई. इस ट्रायल में कोरोना के 94 मामलों की पुष्टि की गई। इस स्टडी में 43,538 प्रतिभागी शामिल थे, जिनमें से 42 प्रतिशत ऐसे लोग थे जिन्होंने कोरोना वायस के लिहाज से ज्यादा एहतियात नहीं बरते थे. इस संबंध में और आंकड़े जुटाए जाने बाकी हैं।