छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
जम्मू 17 दिसंबर 2024। सत्ताधारी नेशनल काॅन्फ्रेंस अब उपराज्यपाल प्रशासन के खिलाफ मुखर होती दिख रही है। नेकां की सरकार ने न केवल एलजी के कई फैसलों पर न प्रश्न उठाए हैं बल्कि उनमें कुछ को बदला भी है। शैक्षणिक कैलेंडर में बदलाव से लेकर आरक्षण की समीक्षा के लिए उप-समिति का गठन और रोहिंग्यओं की बस्ती में बिजली-पानी के कनेक्शन जोड़ने हों या फिर जम्मू विश्वविद्यालय और स्कॉस्ट कश्मीर के वीसी के सेवाकाल को विस्तार देने का फैसला हो। सत्तारूढ़ नेकां ने इसका खुलकर विरोध व आलोचना की है। उपराज्यपाल ने जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उमेश राय को उनके कार्यकाल खत्म होने से पांच महीने ही सेवा विस्तार दिया है। इसको लेकर राजनीति तेज हुई है। सत्तारुढ़ नेकां ने निर्वाचित सरकार से बिना चर्चा के सेवाकाल में विस्तार देने को आड़े हाथ लिया है। नेकां विधायक हसनैन मसूदी ने विश्वविद्यालयों के वीसी के सेवाकाल में विस्तार पर प्रश्न उठाए है। उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले निर्वाचित सरकार के साथ होने चाहिए। उपराज्यपाल राष्ट्रपति नामित सदस्य है जबकि मुख्यमंत्री लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिध है। उन्होंने कहा कि बिना किसी चर्चा के ऐसे फैसले लिए जा रहे है जो दुख:द है। वहीं कांग्रेस नेता चौधरी लाल सिंह ने भी जम्मू-कश्मीर के विश्वविद्यालयों में स्थानीय कुलपतियों की नियुक्ति नहीं होने पर प्रश्न खड़े किए है।
एक कार्यक्रम में चौधरी लाल सिंह ने कहा कि प्रदेश विश्वविद्यालयों के स्थानीय की बजाय अन्य राज्यों से कुलपति ज्यादा है। स्थानीय लोगों को मौका नहीं मिल रहा है। पीडीपी भी इसको लेकर मुखर है और स्थानीय अधिकारियों को किसी तरह की बड़ी भूमिका नहीं देने पर एलजी प्रशासन की आलोचना कर रही है।
सरकार बदलने के बाद नेकां ने बदले है फैसलेनेकां की सरकार गठन के कुछ दिनों के बाद ही एलजी प्रशासन का बड़ा फैसला बदला था। शीतकालीन क्षेत्र के स्कूलों में नवंबर-दिसंबर के सत्र को बहाल किया था। सरकार ने एलजी प्रशासन के इस बड़े फैसले को पलटा था। इसके बाद पुलिस कांस्टेबल की भर्ती में आयु सीमा में छूट को लेकर नेकां सरकार ने एलजी प्रशासन को पत्र लिखा था, लेकिन एलजी प्रशासन ने उसे नहीं मिना। रोहिंग्याओं के मुद्दों पर एलजी प्रशासन व सरकार आमने-सामने दिखी। सरकार में जल शक्ति मंत्री जावेद राणा ने रोहिंग्या बस्ती में बिजली पानी के कनेक्शन बहाल करने की बात कही, जिसपर खुद मुख्यमंत्री ने भी बयान दिया और रोहिंग्याओं के मुद्दों को मानवीय बताया।