छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
हाथरस 05 जुलाई 2024। हाथरस में हुए दर्दनाक भगदड़ हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हैं। घायलों को अलग-अलग जिलों के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भी कुछ घायल भर्ती हैं। इनमें से एक पीड़ित शिवमंगल सिंह हैं, जो अपनी पत्नी के साथ दिल्ली से बाबा के कार्यक्रम में आए थे।
शिवमंगल सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हादसे के समय वह अपनी पत्नी के साथ वहां मौजूद थे। भगदड़ में उनकी पत्नी घायल हो गईं और इस समय एएमयू के मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती हैं। शिवमंगल का मानना है कि बाबा का इसमें कोई दोष नहीं है। उन्होंने कहा, “बाबा जी कभी नहीं कहते कि उनके पीछे लोग आएं। इसमें पब्लिक की गलती है। मेरी पत्नी को चाहे कुछ भी हो जाए, लेकिन मैं बाबा के यहां जाना नहीं छोड़ूंगा।”
घटना का विवरण
शिवमंगल ने बताया, “हादसे के वक्त मैं वहां था, लेकिन थोड़ा दूर था। हमें बाद में पता चला कि यहां पर कुछ लोग दब गए हैं। मैंने फोन किया तो मेरी पत्नी का फोन उनके साथ वालों ने उठाया। मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने जगह बताई। मैं ढूंढ़ते-ढूंढ़ते वहां पहुंचा, लेकिन पत्नी नहीं मिली। मैं हॉस्पिटल में पहुंचा, जहां मेरी पत्नी थीं। वहां से रेफर कर दिया गया और अब अलीगढ़ के अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हैं।”
पब्लिक को ठहराया जिम्मेदार
शिवमंगल ने हादसे के लिए पब्लिक को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “बाबा जी थोड़े ना कहते हैं कि हमारे पीछे दौड़ो। उन्होंने साफ मना किया है कि हमारे पीछे आने की कोई जरूरत नहीं है। पब्लिक इतनी बेताब हो जाती है आगे पीछे दौड़ने के लिए कि मैं पहले निकल जाऊं। बाबा साफ मना करते हैं कि आपाधापी न करें। धीरे-धीरे निकल कर जाएं। भाई बहनों को आगे करें। पब्लिक ने आपाधापी खुद की है और वह खुद जिम्मेदार है।”
सेवादार और बाबा निर्दोष
शिवमंगल ने बाबा के कमांडो और सेवादारों को भी निर्दोष बताया। उन्होंने कहा, “बाबा के कमांडो या सेवादार भी दोषी नहीं हैं। उन्होंने भी नहीं कहा कि बाबा के पीछे दौड़ो। केवल पब्लिक जिम्मेदार है। मेरी पत्नी अस्पताल में हैं, लेकिन हम अब भी इस कार्यक्रम में जाएंगे। मेरी पत्नी को चाहे कुछ भी हो जाए, हम जाना बंद नहीं करेंगे।” हाथरस में हुए इस दर्दनाक हादसे ने कई परिवारों को प्रभावित किया है, लेकिन शिवमंगल सिंह जैसे लोग बाबा और उनके सेवादारों को निर्दोष मानते हैं। यह घटना हमें यह सिखाती है कि भीड़भाड़ और आपाधापी से बचना कितना महत्वपूर्ण है।