छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 27 जून 2024। लंबे अंतराल के बाद लोकसभा में विपक्ष को नेता मिल गया है। राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया है। यह निर्णय मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर INDIA ब्लॉक के फ्लोर नेताओं की बैठक में लिया गया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद 1980, 1989, और 2014 से 2024 तक खाली रहा है। नियमों के अनुसार, नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए किसी भी विपक्षी पार्टी के पास लोकसभा की कुल संख्या का 10 फीसदी, यानी 54 सांसद होना आवश्यक है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में किसी भी विपक्षी पार्टी के पास 54 सांसद नहीं थे।
अंतिम बार दिवंगत बीजेपी नेता सुषमा स्वराज 2009 से 2014 तक नेता प्रतिपक्ष रही थीं। इस बार कांग्रेस ने INDIA गठबंधन के तहत चुनाव लड़कर 99 सीटें जीती हैं। राहुल गांधी को विपक्ष का नेता बनने के साथ ही कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त होगा। इससे उनकी प्रोटोकॉल सूची में स्थिति बढ़ेगी और वे भविष्य में प्रधानमंत्री पद के स्वाभाविक दावेदार हो सकते हैं। यह पहली बार होगा जब राहुल गांधी अपने राजनीतिक करियर में कोई संवैधानिक पद संभालेंगे। लोकसभा के विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी अब लोकपाल, सीबीआई प्रमुख, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य महत्वपूर्ण नियुक्तियों के पैनल के सदस्य होंगे। प्रधानमंत्री ऐसे सभी पैनल के प्रमुख होते हैं।
राजीव, सोनिया के बाद अब राहुल बने विपक्ष के नेता
गांधी परिवार का यह तीसरा मौका होगा जब कोई सदस्य लोकसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका निभाएगा। इससे पहले सोनिया गांधी और राजीव गांधी भी यह जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। सोनिया गांधी ने 1999 से 2004 तक और राजीव गांधी ने 1989 से 1990 तक विपक्ष के नेता का पद संभाला था।
54 साल के राहुल गांधी है पांच बार के सांसद
54 साल के राहुल गांधी नेहरू-गांधी परिवार के वंशज हैं और पांच बार के सांसद हैं। वे वर्तमान में रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो पहले उनकी मां सोनिया गांधी के पास था। इस बार उन्होंने केरल के वायनाड और उत्तर प्रदेश के रायबरेली से चुनाव जीता, लेकिन वायनाड से इस्तीफा दे दिया। अब वहां से उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ेंगी। राहुल गांधी ने 2004 में राजनीति में प्रवेश किया और अमेठी से पहली बार सांसद बने। लोकसभा में अब तक कई नेताओं ने नेता प्रतिपक्ष का पद संभाला है, जिनमें सुषमा स्वराज, लाल कृष्ण आडवाणी, सोनिया गांधी, शरद पवार, अटल बिहारी वाजपेयी, राजीव गांधी, यशवंतराव चव्हाण और राम सुभग सिंह शामिल हैं।