लेफ्टिनेंट जनरल कलिता ने मणिपुर हिंसा को बताया राजनीतिक समस्या; लूटे गए हथियारों पर भी कही बड़ी बात

Chhattisgarh Reporter
शेयर करे

छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

गुवाहाटी 22 नवंबर 2023। मणिपुर में जातीय झड़पों को पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने ‘राजनीतिक समस्या’ करार दिया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि जब तक सुरक्षा बलों से लूटे गए करीब चार हजार हथियार आम लोगों से बरामद नहीं हो जाते, तब तक हिंसा की घटनाएं जारी रहेंगी। पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ने यह भी कहा कि भारत मिजोरम और मणिपुर में आम ग्रामीणों, सेना या पुलिस सहित म्यांमार से शरण चाहने वाले किसी भी व्यक्ति को शरण दे रहा है, लेकिन उग्रवादी समूहों या मादक पदार्थों के तस्करों के सशस्त्र कैडरों को नहीं।

हिंसा रोकने में हम काफी हद तक रहे सफल
उन्होंने कहा, जहां तक जमीनी स्थिति का सवाल है, भारतीय सेना का उद्देश्य शुरू में अपने घरों से विस्थापित हुए लोगों के लिए बचाव और राहत अभियान चलाना था।कलिता ने कहा, ‘इसके बाद, हम हिंसा को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें हम काफी हद तक सफल रहे हैं। लेकिन दो समुदायों, मेइतेई और कुकी के बीच ध्रुवीकरण के कारण, यहां और वहां कुछ छिटपुट घटनाएं होती रहती हैं। यह पूछे जाने पर कि झड़प शुरू होने के साढ़े छह महीने से अधिक समय के बाद भी मणिपुर में सामान्य स्थिति क्यों नहीं लौटी है, उन्होंने कहा कि राज्य में रहने वाले तीन समुदायों – मैतेई, कुकी और नागा – के बीच कुछ विरासत संबंधी मुद्दे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल ने बताया कि इससे पहले भी 1990 के दशक में कुकी और नागाओं के बीच संघर्ष हुआ था जब लगभग एक हजार लोग मारे गए थे। 

अब तक सिर्फ 1500 हथियार ही लगे हाथ
अब हुआ ये है कि दोनों समुदाय पूरी तरह से ध्रुवीकृत हो गए हैं, हालांकि हिंसा का स्तर कम हो गया है, विभिन्न पुलिस स्टेशनों और अन्य स्थानों से पांच हजार से अधिक हथियार छीन लिए गए हैं। उसमें से करीब 1500 हथियार ही बरामद हो पाए हैं तो, लगभग चार हजार हथियार अभी भी बाहर हैं। जब तक ये हथियार समाज के बीच रहेंगे, तब तक इस तरह की छिटपुट हिंसक गतिविधियां जारी रहेंगी।

दोनों राज्यों में सीमा चौकियां मौजूद
उन्होंने कहा, वर्तमान में, असम राइफल्स मणिपुर और मिजोरम में भारत-म्यांमार सीमा का प्रबंधन कर रही है और अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ दोनों राज्यों में उनकी सीमा चौकियां हैं। म्यांमार के 31,000 से अधिक लोग मिजोरम में रह रहे हैं। ये विदेशी, ज्यादातर चिन राज्य से, फरवरी 2021 में म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद भाग गए। कई लोगों ने पड़ोसी मणिपुर में भी शरण ली।

पिछले कुछ हफ्तों में, भारत के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तैनात म्यांमार के दर्जनों सैनिक मिलिशिया समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के साथ तीव्र गोलीबारी के बाद मिजोरम भाग गए। बाद में उन्हें मणिपुर के मोरेह के रास्ते वापस उनके देश ले जाया गया।

Leave a Reply

Next Post

ब्राजील-अर्जेंटीना फुटबॉल मैच में भिड़े दर्शक, पुलिस ने किया लाठीचार्ज तो मेसी ने खेलने से किया इनकार

शेयर करे छत्तीसगढ़ रिपोर्टर रियो डी जनेरियो 22 नवंबर 2023। रियो डी जनेरियो के माराकाना स्टेडियम में उस वक्त स्थिति खराब हो गई जब विश्व कप क्वालिफायर मैच में ब्राजील और अर्जेंटीना के फैंस भिड़ गए। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर लात घूसे चले और कई फैंस के […]

You May Like

अब तक 112 नक्सली ढेर, 375 ने किया सरेंडर, 153 अरेस्ट; अमित शाह ने की तारीफ, साय बोले- जारी रहेगी लड़ाई....|....विष्णुदेव साय का दावा, ओड़िशा में भाजपा का सरकार बनना तय....|....भिलाई में रची गई थी कांग्रेस नेता विक्रम बैस की हत्या की प्लानिंग, एसपी ने किया खुलासा....|....और कुछ दिनों तक दिखाई नहीं दूंगा… विराट कोहली ने संन्यास को लेकर दिया बड़ा बयान....|....प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा- यह अमीरों का कर्ज माफ करती है किसानों का नहीं....|....सचिन तेंदुलकर के बॉडीगार्ड ने की आत्महत्या, पुलिस ने शुरु की मामले की जांच....|....इंदौर में भीषण सड़क हादसा, खड़े ट्रक में घुसी कार, 8 लोगों की दर्दनाक मौत....|....मिशन 400 पार को सफल बनाने के लिए छत्तीसगढ़ बीजेपी महिला मोर्चा चुनावी मैदान में; बिहार और ओडिशा रवाना....|....कबीरधाम में डायरिया का प्रकोप: दो गांवों में मिले करीब 80 मरीज, एक की मौत; कुएं का पानी पीने से फैली बीमारी....|....सीएम केजरीवाल बोले- मोदी की सरकार बनते ही हटाए जाएंगे योगी, अखिलेश बोले - 140 सीटों से ज्यादा नहीं जीतेंगे