छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
लंदन 22 अक्टूबर 2023। इंग्लैंड के महान फुटबालर सर बॉबी चाल्र्टन का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 1966 के विश्वकप के सेमीफाइनल में पुर्तगाल के खिलाफ दो गोल कर इंग्लैंड को फाइनल की राह दिखाकर विजेता बनाने वाले चाल्र्टन को इंग्लैंड और मैनचेस्टर यूनाइटेड के सर्वकालिक महान फुटबालर की संज्ञा दी जाती है। चाल्र्टन ने इंग्लैंड के लिए 106 मैचों में 49 गोल किए और मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए उन्होंने 758 मैच में 249 गोल किए। उनके नाम इंग्लैंड के लिए सर्वाधिक गोल करने का रिकॉर्ड लगभग 40 वर्ष रहा, जिसे उनके ही क्लब के साथी वायने रूनी ने तोड़ा।
सर बॉबी चाल्र्टन ने मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए 1956 से 1973 तक 758 मैच में 249 गोल किए। वहीं, इंग्लैंड के लिए 1958 से 1970 तक 106 मैच में 49 गोल किए।हवाई दुर्घटना में बचकर चैंपियन बने
मिडफील्डर चाल्र्टन को उनकी तेज, जादुई किक और तेजी के लिए जाना जाता था। 1958 में वह एक ऐसी हवाई जहाज दुर्घटना में बचे थे, जिसमें उनके आठ साथी फुटबालरों का निधन हो गया था। इस घटना ने पूरे इंग्लैंड और मैनचेस्टर यूनाइटेड को झकझोर कर रख दिया था। चाल्र्टन की उम्र उस दौरान महज 21 वर्ष थी। इस घटना के बावजूद उन्होंने फुटबाल की दुनिया में जबरदस्त वापसी की और तीन विश्वकप खेले। इंग्लैंड में हुए 1966 के विश्वकप में फाइनल में जर्मनी के खिलाफ सर ज्योफ हस्र्ट ने गोल किए थे, लेकिन चाल्र्टन की भूमिका इंग्लैंड को जिताने में काफी अहम थी। इस विश्वकप में उनके भाई जैक चाल्र्टन भी खेले थे।
पूरे कॅरिअर में कभी लाल कार्ड नहीं दिखाया गया
बॉबी चाल्र्टन हमेशा विवादों से दूर रहे। मैदान पर भी उन्होंने साफ-सुथरी फुटबाल खेली। मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए खेले गए 758 और इंग्लैंड के लिए खेले गए 106 मैचों के दौरान उन्हें कभी लाल कार्ड दिखाकर मैदान के बाहर नहीं भेजा गया।
भाई जैक भी थे 1966 की विश्व विजेता टीम में
1986 से 2013 तक मैनचेस्टर यूनाइटेड के मैनेजर रहे सर एलेक्स फग्र्यूसन ने कहा कि सर बॉबी, लाखों फुटबाल प्रेमियों के हीरो थे। वह मैनचेस्टर यूनाइटेड के सर्वकालिक महान फुटबालर हैं। उनकी खेल भावना लाजवाब थी। उनके भाई जैक ने 2007 में बताया था कि बॉबी जब 5 साल के थे तभी उन्हें लग गया था कि वह बहुत बड़े फुटबालर बनेंगे। वह टेनिस की गेंद को सिर से दीवार पर मारते थे और वापस लौटती गेंद उनके पैर पर चुंबक की तरह से चिपक जाती थी। यह हैरान करने वाला था। उनका गेंद पर नियंत्रण अविश्वसनीय होता था।