
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
रायपुर 22 अगस्त 2023। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले सीएम भूपेश बघेल ने एक बार फिर बड़ा दांव खेला है। चुनाव से महज ढाई महीने पहले हनुमान जी के नाम पर बजरंग बली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना के तहत रायपुर में राज्य स्तरीय कुश्ती अकादमी खोलने का एलान किया है। यह कहीं न कहीं भाजपा के हिंदुत्व के मुद्दे पर सीधा-सीधा प्रहार है। सीएम ने राज्य में कुश्ती को प्रोत्साहन देने के लिए नागपंचमी पर दो बड़ी घोषणाएं कर लोगों को चौंका दिया है। इसके पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य में मल्लखांब जैसे पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए भी अकादमी खोलने की घोषणा कर चुके हैं। अब छत्तीसगढ़ में अखाड़ों के संरक्षण और संवर्धन और पहलवानों की प्रतिभाओं को निखारने के लिए बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना शुरू करने की घोषणा की है। राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय कुश्ती अकादमी खुलेगी। इसके माध्यम से प्रदेश की प्रतिभाओं को तैयार किया जाएगा। पहलवानों की प्रतिभा निखरेगी। उन्हें कुश्ती के क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा। बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना के पीछे मुख्यमंत्री बघेल का उद्देश्य छत्तीसगढ़ में कुश्ती जैसे पारंपरिक खेलों का बेहतर माहौल तैयार करना है। साथ ही प्रदेश की कुश्ती की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच लॉन्च करना है।
क्या है बजरंग बली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य
बजरंग बली प्रोत्साहन योजना के माध्यम से अखाड़ों का संरक्षण और संवर्धन भी होगा। जिन अखाड़ों में पहले पहलवानों की कुश्तियां दिखा करती थी, जहां पहलवान अपने दांव-पेंच दिखाया करते थे, लेकिन अब वहां सूना पसरा रहता है। इस योजना के माध्यम से इन अखाड़ों को पुनर्जीवन मिल सकेगा और एक बार पुनः यहां पहलवानों के दांव पेच देखने मिलेंगे। प्रदेश और देश के प्रतिभाशाली पहलवान यहां से भी तैयार हो सकेंगे। राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय कुश्ती अकादमी भी शुरू की जाएगी । इस आकदमी के माध्यम से कुश्ती की प्रतिभाओं को निखारने का प्रयास करेगी। भारत में और छत्तीसगढ़ में भी कुश्ती की बड़ी समृद्ध परंपरा रही है। धोबी पछाड़, धाक, झोली जैसे दांवपेच अखाड़ों से निकलकर हमारी जुबान में भी पहुंच गए हैं। इससे पता चलता है कि कुश्ती का खेल हमारी परंपरा का कितना गहरा हिस्सा रहा है। इस परंपरा को दोबारा सहेजने के लिए ये दो बड़ी घोषणा मुख्यमंत्री ने की है।
निखरेगी पहलवानों की कुश्ती
खास बात ये है कि यह घोषणा नाग पंचमी के मौके पर हुई है। नागपंचमी का त्यौहार कुश्ती के दंगलों के लिए जाना जाता है। लोग उत्साह से त्योहार के दौरान अखाड़े में जुटते हैं। बजरंगबली अखाड़ा प्रोत्साहन योजना आरंभ होने से अगली नाग पंचमी में बहुत सारे अखाड़ों में पहलवानों की और दर्शकों की धूम दिखेगी। अगली बार छत्तीसगढ़ के लोग नाग पंचमी और ज्यादा उत्साह से मना सकेंगे। देश और प्रदेश की पहलवनाों की कुश्ती निखरेगी।
सीएम भूपेश का हिंदुत्व के मु्द्दे को लेकर बीजेपी पर लगातार प्रहार
सीएम भूपेश बघेल लगातार हिंदुत्व के मु्द्दे पर बीजेपी पर प्रहार कर रहे हैं। एक तरह से वो हिंदुत्व के मु्द्दे को बीजेपी से हाईजैक करन में लगे हैं। सावन सोमवार को कंधे पर कांवड़ रखकर कांवड़ यात्रा निकाली। इसके पहले पहले रामवनगमन पथ के तहत माता कौशल्या मंदिर चंदखुरी का निर्माण कराकर बड़ा दांव खेला। फिर नवा रायपुर के कमल विहार का नाम बदलकर माता कौशल्या विहार कर दिया। वहीं कर्नाटक इलेक्शन के दौरान लगातार बजरंग बली का नाम लेते रहे और कहते रहे कि बजरंग बली कांग्रेस के साथ है। बीजेपी के साथ तो सिर्फ बजरंग दल है। गाय माता के नाम पर गौधन योजना शुरू की। पूरे प्रदेश में 10 हजार से अधिक गौठान का निर्माण करवाया। बहुप्रतिक्षित नरवा, गरवा, घुरवा और बारी योजना की शुरुआत की। यहां तक की राज्य सरकार गोबर और गौ मूत्र की भी खरीदी कर रही है। पूरे देश में सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही गोबर और गौ मूत्र की खरीदी हो रही है। गोबर से दीया और अन्य सामान बनाए जा रहे हैं। रायगढ़ में राष्ट्रीय स्तरीय रामायण प्रतियोगिता का आयोजन कराकर पूरे देश का ध्यान इस तरफ आकर्षित किया। रामायण मंडलियों को पुरस्कृत करने की योजना भी शुरू की है। इस तरह से सीएम भूपेश लगातार हिंदुत्व के मुद्दे पर काम कर रहे हैं।