छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 30 जुलाई 2023। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के 103वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि ‘मुझे बड़ी संख्या में उन मुस्लिम महिलाओं के पत्र प्राप्त हुए, जो हाल ही में हज यात्रा करके लौटी हैं। इन महिलाओं ने बिना मेहरम के हज यात्रा पूरी की। इनकी संख्या 50 या 100 नहीं है बल्कि 4000 है। यह एक बड़ा बदलाव है। पहले मुस्लिम महिलाओं को पुरुषों के बिना हज यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं थी। मैं सऊदी अरब सरकार को भी धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने बिना मेहरम के हज यात्रा पर जाने वाली महिलाओं के लिए महिला समन्वयकों की तैनाती की।
हज नीति में हुए बदलाव
पीएम मोदी ने कहा कि ‘बीते कुछ सालों में हज नीति में जो बदलाव किए गए हैं, उनकी भरपूर सराहना हो रही है। हमारी मुस्लिम माताओं और बहनों ने इस बारे में मुझे काफी कुछ लिखा है। अब ज्यादा से ज्यादा लोगों को हज पर जाने का मौका मिल रहा है। हज यात्रा से लौटे लोगों ने खासकर हमारी माता-बहनों ने चिट्ठी लिखकर आशीर्वाद दिया है, वो अपने आप में बहुत प्रेरक है।’
बिना मेहरम हज जाने वाली महिलाओं की संख्या में आई तेजी
बता दें कि इस्लाम में मेहरम वो पुरुष होता है, जो महिला का पति हो या खून के रिश्ते में हो। इस बार हज यात्रा पर अकेली जाने वाली 4314 महिलाओं ने आवेदन दिया था। आजादी के बाद साल 2018 में पहली बार भारत में मेहरम की अनिवार्यता को हटा दिया गया था। जिसके बाद से 3401 महिलाओं ने बिना पुरुष रिश्तेदारों या मेहरम के बिना हज यात्रा की थी। इस बार यह आंकड़ा चार हजार से ज्यादा रहा, जो अपने आप में बड़ी बात है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के अनुसार, हज नीति के मुताबिक 45 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाएं, जिनके पास मेहरम नहीं हैं, वो चार या उससे ज्यादा संख्या में महिलाओं के समूह के साथ हज यात्रा कर सकती हैं।