छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 05 जून 2023। भारत के बाहर रोहित शर्मा का एकमात्र टेस्ट शतक 2021 में ओवल में आया था। रोहित का कहना है कि कोई भी इंग्लैंड की परिस्थितियों में बल्लेबाज के रूप में सहज महसूस नहीं करता है, लेकिन किसी तरह यह अनुमान विकसित करता है कि विपक्षी गेंदबाजी पर कब आक्रमण करना है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बुधवार से शुरू होने वाले विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल से पहले, भारतीय कप्तान रोहित का मानना है कि इंग्लैंड की पिचों पर कड़ी मेहनत के अलावा कोई विकल्प नहीं है। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप शुरू होने के बाद से रोहित ने 50 से ज्यादा के औसत से रन बनाए हैं। वह इस दौरान सबसे बेहतरीन औसत वाले भारतीय बल्लेबाज हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मैच से पहले रोहित ने कहा “देखिए ..मुझे लगता है कि आमतौर पर इंग्लैंड की परिस्थितियां बल्लेबाजों के लिए चुनौतिपूर्ण होती हैं। अगर आप तैयार हैं, ध्यान लगाएंगे तो उन्हें सफलता मिल सकती है। साल 2021 में मैंने एक बात महसूस की थी कि आप ओवल में कभी सेट नहीं हैं और वहां मौसम निरंतर बदलता रहता है। आपको लंबे समय के लिए ध्यान लगाना होगा तब आप समझ जाएंगे की किस गेंदबाज पर कब आक्रामण करना है। सबसे जरुरी यह है कि आप समझें की आपकी ताकत क्या है। मैं ओवल पर सफल खिलाड़ियों का अनुकरण नहीं करुंगा पर हां उनके रन बनाने के स्वरुप को जानना अच्छा होता। जितना मैंने जाना है वह यह है कि ओवल में विकेट के दोनों तरफ शॉट खेलने पर गेंद तेजी से बाउंड्री की तरफ जाती है। “
रोहित लगभग दस वर्षों से तीनों प्रारुप खेल रहें हैं और उनका मानना है कि यह काफी चुनौतिपूर्ण है। उन्होंने कहा- क्रिकेट के अलग-अलग प्रारुप खेलना एक चुनौती रही है। आपको उसके अनुसार ही अपनी मानसिक तकनीक को तैयार करना होगा। बहुत युवा खिलाड़ियों ने यह अभी तक नहीं किया है पर हम में से बहुत यह काफी वर्षों से कर रहे हैं और अपना बेस्ट दे रहे हैं। रोहित ने भले ही पांच आईपीएल ट्रॉफी, एक टी20 विश्व कप और एक चैंपियंस ट्रॉफी जीती हो, लेकिन 35 वर्षीय भारतीय कप्तान के लिए टेस्ट क्रिकेट ही अंतिम प्रारूप है।
रोहित ने कहा “टेस्ट क्रिकेट चुनौतिपूर्ण है, आप उन परिस्थितियों में खेलना चाहेंगे जो आपको सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करती हैं। पिछले तीन चार वर्षों में हमें अच्छी सफलता मिली है और अब एक आखिरी बाधा बाकी है। आप यही आत्मविश्वास आगे युवाओं को भी देना चाहेंगे, जिससे अपने तरीको से जैसे वह चाहते हैं वैसे खेल सकें।”