छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
मॉस्को/कीव 22 फरवरी 2023। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश भले ही पुतिन की सेना को ललकारते दिख रहे हों लेकिन चीन ने जो कदम उठाया है उसने इन सभी देशों की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, 24 फरवरी को रूस -यूक्रेन युद्ध के एक साल पूरे हो जाएंगे। एक साल पूरा होने से पहले ही अमेरिका ने इस युद्ध में चीन को बड़ा खतरा बता दिया है। अमेरिका ने कहा है कि चीन रूस को हथियारों की मदद पहुंचाने वाला है, जिससे पुतिन की सेना यूक्रेन पर और ज्यादा आक्रामक हो जाएगी।
एक साक्षात्कार में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने जानकारी दी है कि चीन रूस को हथियार और गोला-बारूद उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है जो कि आने वाले समय में मुश्किलें खड़ा कर सकता है। एंटनी ब्लिंकन ने आगे कहा कि चीन रूस की कार्रवाई की ना तो आलोचना करता है ना ही वो रूस पर यूक्रेन के हमले को गलत मानता है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि चीन की तरफ से कोई भी हथियार आपूर्ति सिर्फ पश्चिमी देशों के लिए ही नहीं दुनिया के अन्य देशों के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं।
अमेरिका से तनाव ने रूस और चीन को लाया और करीब
इस बीच विश्लेषकों ने भी ध्यान दिलाया है कि अमेरिका और चीन के रिश्तों में लगातार बढ़ते तनाव के बीच रूस और चीन के संबंध मजबूत होते गए हैं। इसे लेकर अमेरिकी अधिकारियों के कान खड़े हुए हैं। जर्मनी में हुए म्युनिख सिक्युरिटी कांफ्रेंस के दौरान जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन वांग यी से मिले, तो उन्होंने चेतावनी दी कि चीन रूस को हथियार ना दे। हालांकि रूस को हथियार देने की बात का चीन लगातार खंडन करता रहा है, लेकिन हाल में इस बारे में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का शक गहरा गया है।
चीन ने रूस के कदम को ठहराया सही, नाटो देशों को ठहराया जिम्मेदार
चीन का कहना है कि रूस को यूक्रेन पर हमला करने के लिए नाटो देशों के द्वारा उकसाया गया था। 24 फरवरी, 2022 के आक्रमण से कुछ सप्ताह पहले, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन के लिए बीजिंग में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मेजबानी की थी, उस समय दोनों पक्षों ने एक संयुक्त बयान जारी कर मित्रता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का वचन दिया था। उसके बाद से चीन ने पश्चिमी आलोचना को नजरअंदाज किया और उस दृढ़ संकल्प की फिर से पुष्टि की।
अगर चीन रूस की मदद करे तो क्या हो सकता है?
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार को एक साक्षात्कार में बताया कि हमारी जानकारी के अनुसार, उन्होंने अभी तक उस रेखा को पार नहीं किया है। हालांकि ब्लिंकेन ने यह निर्दिष्ट नहीं किया कि रूस के लिए चीनी सैन्य समर्थन के जवाब में अमेरिका क्या उपाय कर सकता है? लेकिन चीन अगर रूस को किसी तरह से मदद पहुंचाने की कोशिश करेगा तो अमेरिका भी ताइवान मामले में हस्तक्षेप बढ़ा देगा। यहां तक कि अमेरिका ताइवान को सैन्य सहायता भी मुहैया करवा सकता है।
इस बीच, अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने टिक्कॉक और अन्य चीनी स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा समर्थित चीनी फर्मों पर प्रतिबंधों को बढ़ाने का आह्वान किया है, जो चीनी अर्थव्यवस्था पर अंतिम नियंत्रण रखती है और स्वतंत्र मीडिया और राजनीतिक विरोध को दबाती है।
अगर चीन रूस की मदद करेगा तो विश्व युद्ध छिड़ सकता है: जेलेंस्की
इस सब के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी चीन को चेतावनी दी है। व्लादिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि अगर चीन रूस साथ देता है तो विश्वयुद्ध हो जाएगा। जेलेंस्की ने एक जर्मन अखबार से बातचीत के दौरान कहा कि, ‘हमारे लिए यह जरूरी है कि चीन इस युद्ध में रूस का साथ न दे, हम तो ये चाहते हैं कि चीन हमारे साथ रहे, लेकिन ये मुमकिन नहीं लग रहा है। मुझे लगता है चीन भी इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ है।
चीन ने अमेरिका के आरोप को गलत ठहराया
इस बीच अमेरिकी अधिकारियों के चीन की तरफ से रूस को हथियार दिए जाने के आरोप ने नया तनाव पैदा कर दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को अमेरिका पर झूठी सूचनाएं फैलाने का आरोप लगाया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- ‘युद्ध के मैदान में हथियार पहुंचाना चीन का नहीं, बल्कि अमेरिका का काम है। अमेरिका को इस बात कोई अधिकार नहीं है कि वह चीन को लेक्चर दे। चीन और रूस के रिश्तों में वह जोर-जबर्दस्ती करे, इसे हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे।’