कंगना ने कहा- महाराष्ट्र सरकार और उसके गुंडे मेरी प्रॉपर्टी पर अवैध कार्रवाई करने पहुंचे हैं
उन्होंने कहा- यह सब कुछ नहीं, बल्कि इससे मेरा जोश बढ़ेगा, मैंने वादा किया है कि महाराष्ट्र के गौरव के लिए खून भी बहा दूंगी
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
मुंबई 09सितम्बर 2020। कंगना रनोट के मुंबई पहुंचने से पहले ही बवाल शुरू हो गया है। वे दोपहर तक मुंबई पहुंचेंगी। इसके पहले ही बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने उनके मुंबई स्थित ऑफिस में अवैध निर्माण को लेकर 24 घंटे में दूसरा नोटिस भेजा। इसके कुछ देर बाद ही बीएमसी की एक टीम बुलडोजर, क्रेन और हथौड़े लेकर पहुंच गई और ऑफिस में तोड़फोड़ शुरू कर दी।
उधर, कंगना ने इस कार्रवाई पर लगातार 4 ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि यह एक इमारत (ऑफिस) नहीं, राम मंदिर है, आज वहां बाबर आया है। उधर, बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ कंगना के वकील ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई है। इस पर 12.30 बजे सुनवाई होगी।
कंगना ने कहा कि मेरे आने से पहले ही महाराष्ट्र सरकार और उनके गुंडे मेरे ऑफिस के बाहर पहुंच गए हैं और उसे गिराने की तैयारी कर रहे हैं। कंगना ने कार्रवाई पर पाकिस्तान का जिक्र करते इसे डेथ ऑफ डेमोक्रेसी कहा।
कंगना ने कहा, मैं कभी गलत नहीं थी। मेरे दुश्मनों एक बार फिर साबित कर दिया है कि क्यों मुंबई पाक के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) है।
कंगना कार से चंडीगढ़ पहुंची थीं
एक्ट्रेस सड़क के रास्ते मंडी (हिमाचल प्रदेश) से चंडीगढ़ पहुंची थीं। एक्ट्रेस ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से की थी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था। केंद्र ने उन्हें Y कैटेगरी की सुरक्षा दी है, इस दौरान 11 सुरक्षाकर्मी हमेशा उनके साथ रहेंगे। इस बीच, मुंबई करणी सेना और रामदास अठावले की पार्टी आरपीआई ने भी उन्हें प्रोटेक्शन देने का ऐलान किया है। कंगना के मुंबई पहुंचते ही शिवसेना समेत कई अन्य पार्टियों की ओर से विरोध तय माना जा रहा है।
कार्रवाई पर बीएमसी ने कहा
बीएमसी ने कहा, ‘नोटिस मिलने के बाद भी आपने काम जारी रखा। इसलिए नोटिस के मुताबिक, फौरन तोड़फोड़ कर रहे हैं। इसके लिए आप खुद जिम्मेदार हैं। यह काम आपके खर्च पर ही किया जाएगा।’
कंगना ने मुंबई रवाना होने से पहले भी ट्वीट किया
शिवसेना ने आज फिर कंगना के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया
शिवसेना ने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा, ‘राजनीतिक एजेंडे को सामने लाने के लिए देशद्रोही पत्रकार और सुपारीबाज कलाकारों के राजद्रोह का समर्थन करना भी ‘हरामखोरी’ ही है।’