छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 05 सितंबर 2022। पाकिस्तान में बाढ़ की वजह से महंगाई चरम पर है। मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान राहत के लिए भारत से व्यापार शुरू करने का इच्छुक है। हालांकि, बृहस्पतिवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पीएम मोदी ने पाकिस्तान में बाढ़ से तबाही पर दुख जताया है। भारत के पास फिलहाल इसके अलावा कहने के लिए कुछ भी नहीं है। पाक सरकार को कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने सलाह दी है कि फौरी राहत के लिए भारत के साथ व्यापार शुरू करे। पाकिस्तान सरकार भी अपने गठबंधन के साथियों व फौज के साथ विचार-विमर्श कर रही है। पाकिस्तान के वित्तमंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने बताया कि कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने पाकिस्तान से कहा कि उन्हें पाकिस्तान में राहत के लिए भारत की सीमा से भोजन व अन्य सामाग्री लाने की इजाजत दी जाए। सरकार ने इस मसले पर आपूर्ति की कमी और सभी हितधारकों से विचार करने के बाद फैसला करेगी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीएम मोदी की तरफ से पाकिस्तान में बाढ़ के हालात पर चिंता व दुख जातने पर उनका शुक्रिया अदा करते हुए कहा था कि हम अपने दम पर जीत हासिल कर लेंगे।
जापान के साथ ही अमेरिका से भी बैठक की तैयारी में भारत
नई दिल्ली। कोविड की वजह से दो साल बाद इस महीने तोक्यो में भारत-जपान 2+2 (दोनों देशों के रक्षा व विदेश मंत्री) बैठक होने वाली है। भारत चाहता है कि अमेरिका के मंत्री भी इस बैठक में शामिल हों। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बृहस्पतिवार को बताया कि जापान-भारत के उनक करीबी साझेदारों में से एक है, जिसके साथ भारत 2+2 वार्ता करता है। कोविड की वजह से 2019 के बाद कोविड सहित कई वजहों से जापान-भारत 2+2 वार्ता नहीं हो पाई थी। वार्ता की मेजबानी जापान करने जा रहा है। हालांकि, तारीख अभी तय नहीं हुई है। बागची ने बताया कि अमेरिका पहला देश है, जिसके साथ भारत ने इस तरह की बातचीत शुरू की थी। जापान के साथ होने वाली बातचीत के दौरान ही भारत अमेरिका के साथ भी एक मध्य सत्रीय 2+2 बैठक पर विचार कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, यह भी संभव है कि इस दौरान क्वाड बैठक भी आयोजित की जाए।
पहली भारत-जापान 2+2 बैठक दिल्ली में नवंबर 2019 में हुई थी। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जापान के विदेश मंत्री मोतेगी तोशिमित्सु और कोनो तारो ने बातचीत की थी। यह वार्ता द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग की रणनीतिक गहराई को और बढ़ाएगी।