छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 27 जुलाई 2022। राज्यसभा और लोकसभा से बड़ी संख्या में सांसदों के निलंबन का मुद्दा गर्माया हुआ है। इसी बीच विपक्षी दलों में भी आपस में मतभेद नजर आ रहे हैं। खास बात है कि निलंबन प्रक्रिया को देखते हुए फ्लोर रणनीति तय करने के लिए विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई गई थी, जिससे दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और पश्चिम बंगाल में सरकार चला रही तृणमूल कांग्रेस ने दूरी बना ली।खास बात है कि लोकसभा से 4 और राज्यसभा से 19 सदस्यों को निलंबित किया गया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में फ्लोर स्ट्रेटजी तैयार करने के लिए बैठक बुलाई थी। जिसमें डीएमके, आरजेडी, एनसीपी, सीपीएम, सीपीआई, शिवसेना, आरएलडी, एमडीएमके, आईयूएमएल, आरएसपी और एनसी शामिल हुई थीं। जबकि, टीएमसी और आप गायब रही। साथ ही कांग्रेस और कुछ विपक्षी दलों की तरफ से आयोजित विरोध प्रदर्शन में भी टीएमसी सांसदों ने भाग नहीं लिया। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, टीएमसी सांसदों ने तख्तियां दिखाकर और नारेबाजी कर अलग से विरोध प्रदर्शन किया, जिससे विपक्षी खेमे में फूट के संकेत मिले।
खड़गे ने कहा, ‘हमारा काम सभी को बुलाना है। देखते हैं कि कौन आएगा और कौन नहीं आएगा। अगर उनके पास अलग एजेंडा है… तो यह अलग बात है। मेरा काम यह सुनिश्चित करना है कि हम सभी साथ जाएं और एकजुट होकर लड़ें। गिनती नहीं… आप लोगों के मुद्दों को कैसे उठा रहे हैं… और वे कैसे विपक्षी दलों के खिलाफ काम कर रहे हैं… यह जरूरी है।’
मंगलवार को सदन की कार्यवाही बधित करने के लिए विपक्ष के 19 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। ये सांसद बढ़ती कीमतों और वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी दरों में इजाफा होने पर तत्काल चर्चा के लिए जोर डाल रहे थे। वहीं, सोमवार को कथित दुर्व्यवहार के चलते लोकसभा से 4 कांग्रेस सांसदों को निलंबित कर दिया गया था।