छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
देहरादून 03 जून 2022। 54 हजार से अधिक वोट पाकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में ऐतहिासिक जीत हासिल की है। उनकी जीत पहले से ही तय मानी जा रही थी। जैसे-जैसे मतगणना के रुझान सामने आते रहे, भाजपा कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ता गया। सीएम के चुनाव जीतने की घोषणा होते ही भाजपाइयों ने दिल खोल कर जश्न मनाया। वहीं सीएम धामी भी नतीजे आने के तुरंत बाद जनता का आभार व्यक्त करने टनकपुर पहुंचे।
31 मई को हुए चंपावत उपचुनाव के शनिवार को नतीजे सामने आए। सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू हुई। सीएम धामी के अलावा कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी, सपा समर्थित मनोज कुमार भट्ट और निर्दलीय हिमांशु गड़कोटी मैदान में थे। पहले ही राउंड के नतीजे सामने आने के बाद सीएम धामी की जीत तय मानी जा रही थी, लेकिन जैसे-जैसे राउंड बढ़ते गए वह रिकॉर्ड मतों की ओर बढ़े।
मुख्यमंत्री धामी ने उपचुनाव में सर्वाधिक मतों से जीतने वाले प्रत्याशी बनें। उन्होंने पूर्व सीएम बहुगुणा की जीत का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। 54 हजार से अधिक वोट पाकर सीएम धामी चंपावत उपचुनाव जीते। सीएम धामी की रिकॉर्ड मतों से जीत के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है। कांंग्रेस की निर्मला गहतोड़ी को 3607 वोट मिले। पहली बार कांंग्रेस की जमानत जब्त हुई। सीएम धामी जहां सर्वाधिक मतों से जीतने वाले प्रत्याशी बनें वहीं चंपावत उपचुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त हुई है। जिसने एक बार फिर पार्टी की गुटबाजी की कलई खुल गई।
पहले मतपत्रों की हुई गणना
जिला मुख्यालय के गौरलचौड़ मैदान स्थित वन पंचायत भवन सभागार में कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई। सबसे पहले मतपत्रों की गणना की गई। लगभग एक घंटे बाद ईवीएम की काउंटिंग शुरू हुई। मतगणना के लिए रिजर्व सहित कुल 65 कार्मिक और डाक मतपत्रों की गणना के लिए 27 कार्मिक लगाए गए थे। एक टेबल में एक मतगणना सुपरवाइजर, एक मतगणना सहायक और एक माइक्रो ऑब्जर्वर तैनात थे। 13 चरणों में हुई मतगणना के लिए 12 टेबल लगाई गई हैं। 31 मई को हुए मतदान में कुल 64 फीसद के अधिक मतदान हुआ था।
योगी ने भी किया था प्रचार
चंपावत सीट से जीते भाजपा के कैलाश गहतोड़ी ने मुख्यमंत्री के लिए सीट खाली कर दी। कांग्रेस ने सीएम के खिलाफ निर्मला गहतोड़ी को मैदान में उतारा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बड़ी जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रचार में कैबिनेट मंत्रियों ने पूरी ताकत झोंक दी थी। इसके अलावा चार विधायक 15 दिनों से दुर्गम इलाकों में डटे रहे। खुद धामी ने यहां कई बार प्रचार किया तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनके लिए रैली की।