छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
मुंबई /नई दिल्ली 03 अक्टूबर 2024। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार के अध्यक्ष मनोज कुमार ने गांधी जयंती के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गरीब कल्याण के विजन को विस्तार देते हुए, देश भर के लाखों खादी कारीगरों की पारिश्रमिक बढ़ाने की घोषणा की। चरखे पर सूत कातने वाली कत्तिनों की पारिश्रमिक में 25 प्रतिशत और करघे पर बुनायी करनेवाले बुनकरों की पारिश्रमिक में 7 प्रतिशत की वृद्धि की गई। इसके साथ ही, गांधी जयंती के अवसर पर नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित फ्लैगशिप ‘खादी भवन’ समेत देश भर में खादी उत्पादों पर 20 प्रतिशत और ग्रामोद्योग उत्पादों पर 10 प्रतिशत छूट की भी शुरुआत हुई। पूज्य बापू की जयंती के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण तथा रसायन व उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा, केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी, केंद्रीय एमएसएमई और श्रम व रोजगार राज्य मंत्री सुश्री शोभा कलंदलाजे समेत केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार और कई गणमान्य लोगों ने परंपरा के अनुसार बाबा खड़क सिंह मार्ग स्थित खादी भवन में खरीददारी कर गांधी जयंती के अवसर पर खादी उत्पादों पर शुरू होने वाली विशेष छूट का शुभारंभ किया। केंद्रीय मंत्री जे.पी नड्डा ने खादी के कुर्ते का कपड़ा और ग्रामोद्योग उत्पाद खरीदे और ऑनलाइन माध्यम से भुगतान किया। मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने देशवासियों से खादी के उत्पाद खरीदने की अपील की। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री एमएसएमई जीतन राम मांझी ने भी मीडिया के माध्यम से जनता से अपील की कि वो खादी और स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और आत्मनिर्भर अभियान का हिस्सा बने।
इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था,” मैं चरखे पर खींचे जाने वाले हर धागे में ईश्वर को देखता हूं।“ पूज्य बापू के इसी ध्येय वाक्य को अपनाते हुए केवीआईसी लगातार ‘चरखा क्रांति’ के माध्यम से गरीब कल्याण का ताना-बाना बुन रहा है। इसी क्रम में विगत 17 सितंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर पूज्य बापू के जन्मस्थान पोरबंदर में आयोजित एक कार्यक्रम में चरखे पर सूत कातने वाली कत्तिनों की पारिश्रमिक में 25 प्रतिशत और बुनकरों की पारिश्रमिक में 7 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की गयी थी। ये बढ़ी हुई पारिश्रमिक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर 2024 से लागू हो गयी है। उन्होंने आगे कहा कि अभी तक कत्तिनों को प्रति लच्छा 10 रुपये की मजदूरी मिलती थी, जिसे 2.50 रुपये बढ़ाकर 12.50 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि उनके कार्यकाल में दूसरी बार कत्तिनों और बुनकर की पारिश्रमिक बढ़ाई गयी है। इससे पहले 1 अप्रैल 2023 को 7.50 रुपये से बढ़ाकर इसे 10 रुपये प्रति लच्छा किया गया था।
केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘खादी क्रांति’ ने कत्तिनों और बुनकरों के जीवन में बड़ा बदलाव किया है। खादी का कारोबार पिछले वित्त वर्ष में 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप इसका लाभ खादी परिवार के कारीगरों तक पहुंचाने के लिए आयोग ने पारिश्रमिक बढ़ाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि देश भर में करीब 3000 पंजीकृत खादी संस्थाएं हैं जिनके माध्यम से 4.98 खादी कारीगरों को रोजगार मिल रहा है, जिसमें 80 प्रतिशत के करीब महिलाएं है। बढ़ी हुई पारिश्रमिक से इन्हें आर्थिक रूप से नई शक्ति मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में अभी तक 213 प्रतिशत के करीब पारिश्रमिक बढ़ाई गयी है, जोकि इस बात का प्रतीक है कि खादी के माध्यम से ग्रामीण भारत आर्थिक रूप से सशक्त हो रहा है।
मीडिया से संवाद के दौरान अध्यक्ष केवीआईसी ने कहा कि गांधी जयंती के अवसर पर नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी के फ्लैगशिप शोरूम समेत पूरे देश में विशेष छूट अभियान की शुरुआत की गयी है। ये छूट 2 अक्टूबर से 30 नवंबर 2024 तक चलेगी। इस दौरान खादी उत्पादों पर 20 प्रतिशत और ग्रामोद्योग उत्पादों पर 10 प्रतिशत तक छूट मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद से पिछले 10 वर्षों में दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी भवन ने गांधी जयंती के दिन प्रतिवर्ष बिक्री का नया रिकॉर्ड बनाया है। गांधी जयंती के दिन पिछले तीन वर्षों के बिक्री के आंकड़े देखें तो हर वर्ष गांधी जयंती पर बिक्री ने 1 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार किया है। वित्त वर्ष 2021-22 में जहां खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री 1.01 करोड़ रुपये थी, वहीं 2022-23 में ये बढ़कर 1.34 करोड़ रुपये पहुंच गई, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में बिक्री का आंकड़ा 1.52 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया था। ये सभी आंकड़े इस बात के प्रतीक है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘नये भारत की नयी खादी’ ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेड इन इंडिया’ अभियान की अगुवा बन चुकी है।