छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 12 मई 2022। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व मान रहा है कि अगर कांग्रेस कमजोर रहेगी तो क्षेत्रीय दलों का उभार उसे उबरने नहीं देगा और पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर देश का मजबूत राजनीतिक विकल्प नहीं बन पाएगी। कांग्रेस उदयपुर चिंतन शिविर में किसी दल से गठबंधन करने के बजाय खुद को मजबूत करने का फैसला लेगी। तीन दिनों के शिविर में पार्टी नेता पहले से तय कोई दस्तावेज लेकर नहीं बैठेंगे। आने वाले सुझावों और चर्चा के बाद रिपोर्ट तैयार होगी। तेलंगाना में अकेले चुनाव लड़ने के राहुल गांधी के फैसले से भी इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के साथ समझौता करने के बजाय खुद को मजबूत करेगी। पार्टी नेता मानते हैं कि आम आदमी पार्टी, टीआरएस और टीएमसी जैसे दलों के उभार से कांग्रेस को नुकसान हुआ है।
नेताओं का तर्क है कि यूपीए का गठन चुनाव नतीजे आने के बाद हुआ था। यूपीए-एक में जो दल शामिल थे वे यूपीए-दो में नहीं थे। उदयपुर में 13 से 15 मई को होने वाले नव संकल्प चिंतन शिविर का फोकस 2024 का लोकसभा चुनाव है।
असंतुष्टों को भी निमंत्रण
शिविर असंतुष्ट नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। सोनिया गांधी ने नाराज नेताओं को अहम जिम्मेदारी सौंपकर ग्रुप-23 नेताओं की नाराजगी को दूर कर दिया है। सोनिया ने गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मनीष तिवारी, मुकुल वासनिक को शिविर से संबंधित विशेष समूहों में पहले ही शामिल कर दिया है। कपिल सिब्बल को भी पूर्व केंद्रीय मंत्री के तौर पर आमंत्रित किया गया है। पृथ्वीराज चव्हाण, विवेक तन्खा भी आमंत्रित हैं।
खबरें बाहर पहुंचने पर सोनिया परेशान
कांग्रेस के अंदर की खबरें बाहर पहुंचने को लेकर सोनिया गांधी परेशान हैं। सोमवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया को कहना पड़ा कि यहां आपस में भी जो चर्चा होती है बाहर चली जाती है। चिंतन शिविर में समूहों की चर्चा के दौरान प्रतिनिधियों के फोन बाहर रखवाने की भी संभावना है।