
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
अहमदाबाद 04 मई 2022। दलित नेता और विधायक जिग्नेश मेवाणी असम पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के लगभग दो सप्ताह बाद मंगलवार को गुजरात पहुंचे। यहां उन्होंने राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधते हुए उसे ‘‘निकम्मा’’ बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार ने उस वक्त कुछ नहीं किया, जब राज्य के एक विधायक का ‘‘अपहरण’’ कर लिया गया और यहां से ले जाया गया।
अहमदाबाद पहुंचने के तुरंत बाद मेवाणी ने एक सभा को संबोधित किया। मेवाणी ने उना तहसील में दलितों के खिलाफ दर्ज मामले (जुलाई 2016 में कुछ दलितों पर हमले के बाद विरोध-प्रदर्शन को लेकर दर्ज), राज्य के अन्य आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस नहीं लेने और पुलिसकर्मियों के लिए ग्रेड-पे एवं अन्य विरोध-प्रदर्शन करने वाले समूहों की मांग सरकार द्वारा पूरा नहीं किए जाने पर एक जून को ‘गुजरात बंद’ का आह्वान करने की चेतावनी दी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं गुजरात सरकार से कहना चाहता हूं कि आप इतने ‘निकम्मे’ हैं कि आप तब कुछ नहीं कर सके, जब असम पुलिस गुजरात के गौरव को रौंदने आयी थी। आपको इसके लिए शर्म आनी चाहिए।’ निर्दलीय विधायक मेवाणी ने कहा, ‘‘असम पुलिस द्वारा गुजरात के एक विधायक का अपहरण करना और उसे असम ले जाना गुजरात के 6.5 करोड़ लोगों का अपमान है।’’ इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश ठाकोर और अर्जुन मोढवाडिया तथा अमित चावड़ा जैसे पार्टी के वरिष्ठ पार्टी नेता भी मौजूद थे।
उन्होंने कार्यक्रम के लिए एकत्र लोगों को शपथ दिलाई कि वे कभी भी भाजपा को वोट नहीं देंगे या आरएसएस की शाखा में शामिल नहीं होंगे। मेवाणी ने पूर्वोत्तर राज्य में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में निचली अदालत की आलोचनात्मक टिप्पणी पर ‘‘माफी नहीं मांगने’’ के लिए असम सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘अदालत द्वारा की गई टिप्पणी पर शर्म महसूस करने के बजाय, अपनी अंतरात्मा पर सवाल उठाने और अपने चरित्र की समीक्षा करने के बजाय, यह (असम सरकार का) एक स्थगन आदेश (गौहाटी उच्च न्यायालय से) के साथ आया, ताकि उस समीक्षा आदेश (निचली अदालत के) को प्रकाशित न किया जा सके। लेकिन वह अभी माफी मांगने को तैयार नहीं हैं।’’
उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि बारपेटा अदालत ने गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के मामले में जमानत देने के अपने आदेश में की गई टिप्पणियों में ‘‘हद पार कर दी’’ और इसने पुलिस बल तथा असम सरकार का ‘‘मनोबल’’ गिराया। मेवाणी मंगलवार शाम को अहमदाबाद पहुंचे। उनके समर्थकों ने हवाई अड्डे पर उनका जोरदार स्वागत किया। बनासकांठा जिले के वडगाम के विधायक ने गिरफ्तारी के दौरान समर्थन के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और गुजरात और असम के अन्य कांग्रेस नेताओं को धन्यवाद दिया।
दो हफ्ते पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक ट्वीट करने को लेकर असम पुलिस ने मेवाणी को गुजरात के पालनपुर से गिरफ्तार कर लिया था। कुछ दिनों पहले किए गए ट्वीट मामले में एक अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के बाद एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के मामले में उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था। मेवाणी को दूसरे मामले में भी एक हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिल गई थी। शनिवार को उन्होंने कोकराझार की एक अदालत में लंबित जमानत की औपचारिकताएं पूरी कीं।