महाराष्ट्र: मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देगें मलिक, एनसीपी नेताओं की बैठक में हुआ फैसला, एमवीए के नेता आज से शुरू करेंगे धरना-प्रदर्शन

Chhattisgarh Reporter
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छत्तीसगढ़ रिपोर्टर  

नई दिल्ली 24 फरवरी 2022। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी दल भाजपा ने नवाब मलिक से इस्तीफे की मांग शुरू कर दिया है। लेकिन, एनसीपी ने कहा कि मलिक मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे। एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि केवल आरोप मात्र से नवाब मलिक के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार से इस कार्रवाई के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की धन शोधन मामले में गिरफ्तारी के बाद उत्पन्न स्थिति पर चर्चा करने के लिए एनसीपी के कुछ मंत्रियों ने बुधवार शाम पार्टी प्रमुख शरद पवार के आवास सिल्वर ओक पर बैठक की। इस बैठक में उप मुख्यमंत्री अजीत पवार, मंत्री छगन भुजबल, हसन मुश्रिफ और राजेश टोपे एवं अन्य नेता शामिल हुए। बैठक के बाद एनसीपी के बरिष्ठ नेता व राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि नवाब मलिक के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में एमवीए के तीनों दल एकजुट हैं। बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे मंत्रालय के सामने स्थित महात्मा गांधी के पुतले के सामने एमवीए सरकार के सभी मंत्री धरने पर बैठेंगे। उसके बाद शुक्रवार से राज्यभर में जिलास्तर से लेकर तालुकास्तर तक केंद्र सरकार की बदले की राजनीति के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

भुजबल ने कहा कि मलिक को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है। चूंकि मलिक भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ निडर होकर बोलते हैं इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं, केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए एक-एक मंत्री को पकड़कर उनका मनोबल गिराने का प्रयास किया जा रहा है जिसका हम मुकाबला करेंगे। इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात और पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने शरद पवार से मुलाकात की तथा मलिक की गिरफ्तारी के बाद उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की।

कबाड़ी से करोड़पति बन गए यूपी के बलरामपुर जिले के नवाब मलिक
62 वर्षीय नवाब मलिक महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के साथ ही उद्यम एवं कौशल विकास विभाग के भी मंत्री हैं। एनसीपी सुप्रीमों शरद पवार के करीबी माने जाने वाले मलिक ईशान्य मुंबई के अणुशक्ति नगर सीट से विधायक हैं। उन पर पहले भी भ्रष्टाचार और कदाचार के कई आरोप लग चुके हैं। मुंबई के एक कबाड़ी से विधायक और फिर मंत्री बनने का उनका सफर काफी दिलचस्प है। लेकिन, विवादों से भी उनका गहरा नाता रहा है।

 राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रवक्ता नवाब मलिक का परिवार उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले का मूल निवासी है। नवाब के जन्म से पहले उनके पिता मोहम्मद इस्लाम मलिक मुंबई में आकर बस गए थे। लेकिन उसके बाद फिर उनेक पिता गांव चले गए थे। 20 जून 1959 को बलरामपुर के उतरौला तहसील के उनके मूल गांव में मलिक का जन्म हुआ। नवाब के जन्म के बाद उनका परिवार वापस मुंबई लौट आया था। उनके पास मुंबई में एक छोटा होटल था और साथ में ही छोटा-मोटा कबाड़ी का व्यवसाय शुरू किया था। 21 साल की उम्र में 1980 में नवाब ने महज़बीन से शादी की। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। बेटों का नाम फ़राज़ और आमिर है जबकि बेटियों का नाम नीलोफ़र और सना है।

1996 में सपा से पहली बार बने थे विधायक
1993 में बाबरी ढांचा विध्वंस के बाद मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाके के बाद मुंबई मे समाजवादी पार्टी मुस्लिम मतदाताओं के बीच लोकप्रिय हो गई थी। इस दौरान मलिक सपा में शामिल हुए और साल 1995 के विधानसभा चुनाव में नेहरूनगर सीट से चुनाव लड़े और शिवसेना के सूर्यकांत म्हाडिक से हार गए। लेकिन एक ही साल में मलिक ने जीत हासिल कर महाराष्ट्र विधानसभा में कदम रख दिया था। दरअसल, म्हाडिक के खिलाफ धर्म के आधार पर वोट मांगने की याचिका दाखिल की गई थी जिसमें वह दोषी पाए गए। इसलिए उनकी सदस्यता रद्द हो गई और 1996 में हुए उपचुनाव में मलिक ने साढे छह हजार मतों से चुनाव जीत लिया। उसके बाद 1999 में मलिक दुबारा नेहरू नगर से जीते। तब महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सत्तारूढ़ हुई। इस गठबंधन को समर्थन देने पर सपा को भी सत्ता में भागीदारी मिली और नवाब मलिक राज्यमंत्री बने। इसके बाद उनका सपा से मोहभंग हो गया और मंत्री रहते हुए एनसीपी में शामिल हो गए थे।

अन्ना हजारे ने लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप, देना पड़ा था मंत्री पद से इस्तीफा
पहली बार नहीं है कि नवाब मलिक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इससे पहले साल 2005-2006 में प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे ने नवाब मलिक के खिलाफ माहिम स्थित जरीवाला चाल पुनर्विकास योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इसको लेकर हजारे मुंबई के आजाद मैदान में धरने पर बैठे थे। उसके बाद मलिक को तत्कालीन विलासराव देशमुख की सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था। करीब 12 साल के बाद सुप्रीम कोर्ट से मलिक को राहत मिली थी।

बलरामपुर और उस्मानाबाद में है मलिक की कई एकड़ जमीन
साल 2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में नवाब मलिक द्वारा जारी हलफनामे के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 5 करोड़ 74 लाख 69 हजार है। मलिक के ऊपर 45 लाख रुपए का लोन है। इसके अलावा नवाब मलिक और उनकी पत्नी महजबीन मलिक की स्टील, हीरा डायमंड, मलिक इन्फ्रा समेत कई फर्म में हिस्सेदारी है। उनके पास एक स्कोडा कार और उनकी पत्नी के नाम पर भी एक कार रजिस्टर्ड है। नवाब मलिक और उनकी पत्नी के नाम पर उत्तर प्रदेश के बलरामपुर और महाराष्ट्र के उस्मानाबाद में कई एकड़ कृषि योग्य जमीन है।

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