गुरुवार 24 जून 2021। साउथम्पटन में खेले गए आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइलन में न्यूजीलैंड ने भारत को 8 विकेट से हराकर इतिहास रच दिया। इस फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया न्यूजीलैंड के सामने संघर्ष करती नजर आई। कीवी टीम ने खेल के हर क्षेत्र में भारत को पीछे छोड़ दिया। यह डब्ल्यूटीसी का पहला आयोजन था जिसे जीतने का गौरव न्यूजीलैंड ने हासिल किया। फाइनल मैच शुरू होने से पहले कई क्रिकेट पंडितों ने भविष्यवाणी की थी कि भारत फाइनल में न्यूजीलैंड को कड़ी टक्कर देगा। लेकिन ऐसा हो न सका। पूरे मैच में कीवी टीम भारत पर हावी रही और उसने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया को खिताब से दूर कर दिया।
भारत की खराब बल्लेबाजी
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में हार का प्रमुख कारण भारतीय बल्लेबाजी रही। फाइनल मैच में भारत का कोई बल्लेबाज अपनी फॉर्म में नजर नहीं आया। सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा से बहुत उम्मीदें थी लेकिन उनका बल्ला खामोश रहा। रोहित फाइनल की दोनों पारियों में अच्छी शुरुआत करने के बाद आउट हुए। वह इस मैच कुल 64 रन ही बना पाए। यही हाल विराट कोहली का रहा और वह दोनों इनिंग्स में 57 रन बना सके। पूरे मुकाबले में भारत ने कितनी शर्मनाक बल्लेबाजी की उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि टीम इंडिया का कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक नहीं लगा पाया। भारतीय टीम के सभी धुरंधर बल्लेबाज फाइनल में औंधे मुंह गिरे। शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, अजिक्य रहाणे जैसे मान्यता प्राप्त बल्लेबाजों ने निराश किया।
दूसरी पारी में बेअसर रहे गेंदबाज
पहली पारी में न्यूजीलैंड को 249 रनों पर आउट करने वाले भारतीय गेंदबाज दूसरी इनिंग्स में बेजान दिखे। भारत के किसी तेज गेंदबाज को दूसरी पारी में विकेट नहीं मिला। पहली इनिंग्स में 4 विकेट लेने वाले मोहम्मद शमी दूसरी पारी कोई करिश्मा नहीं कर पाए। इसके अलावा इशांत शर्मा भी रंग में नहीं दिखे। फाइनल के लिए टीम इंडिया के सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड जसप्रीत बुमराह को माना जा रहा था। लेकिन वह पूरे मैच में एक भी विकेट नहीं ले पाए। बुमराह द्वारा विकेट न ले पाना भारत की हार का वजह बना। न्यूजीलैंड की दूसरी पारी में दूसरा विकेट 44 रनों पर गिरा। उसके बाद 96 रनों तक भारतीय गेंदबाज कोई विकेट लेने के लिए तरसते रहे।
मौसम से मात खा गया भारत
आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भारत के लिए मौसम ने खलनायक की भूमिका निभाई। टीम इंडिया सपाट और सूखी पिचों पर खेलने की आदी रही है। भारत को हमेशा इंग्लैंड में दुष्वारी होती है। फाइनल मुकाबले के रिजर्व डे को अगर छोड़ दिया जाए तो बाकी ऐसा कोई दिन नहीं रहा जब खराब मौसम और बारिश न हुई हो। फाइनल के पहले और चौथे दिन बारिश की वजह से एक गेंद भी नहीं फेंकी गई। पिच में अगर उछाल हो और गेंद हरकत करते तो ऐसी परिस्थितियां भारतीय बल्लेबाजों के प्रतिकूल मानी जाती हैं। यही सब भारतीय खिलाड़ियों के साथ साउथम्पटन में हुआ। टीम इंडिया के बल्लेबाज न्यूजीलैंड के लंबे कद काठी वाले गेंदबाजों की उछाल भरी और स्विंग बॉलिंग के आगे लाचार दिखाई पड़े।
अभ्यास मैच न खेलना टीम इंडिया को पड़ा भारी
आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल से पहले भारतीय टीम को प्रैक्टिस मैच तक नहीं खेलने को मिला। अगर टीम इंडिया इंग्लैंड की ए टीम या उसकी दीगर टीमों के साथ अभ्यास मैच खेल लेती तो उसका फायदा फाइनल में जरूर मिलता। लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से भारत को अभ्यास मैच नहीं मिला। भारतीय टीम ने फाइनल से पहले इसी साउथम्पटन में इंट्रा स्क्वायड प्रैक्टिस मैच खेला। जो फाइनल मैच की तैयारियों के लिए नाकाफी साबित हुआ।
कीवी टीम को मिला टेस्ट सीरीज जीतने का फायदा
भारत के खिलाफ आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल खेलने से पहले न्यूजीलैंड की टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली थी। उस सीरीज को कीवी टीम ने 1-0 से अपने नाम किया। इस दरम्यान न्यूजीलैंड को इंग्लैंड की परिस्थितियों में अभ्यस्त होने का काफी मौका मिला। इसके अलावा इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली जीता का मोमेंटम भी कीवी टीम के साथ रहा। जिसके बाद उसने डब्ल्यूटीसी फाइनल में भारत को आसानी से हरा दिया।