छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
बिलासपुर 26 जनवरी 2021। देश का 72वां गणतंत्र दिवस एसईसीएल में सोल्लास मनाया गया। प्रारंभ में एसईसीएल के सीएमडी ए.पी. पण्डा ने ध्वजारोहण किया एवं सुरक्षा टुकड़ी की सलामी ली। अपने उद्बोधन में उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी एवं वीर शहीदों को स्मरण करते हुए उनके प्रति अपना आदर व्यक्त किया। वर्ष 2020 में कोविड प्रकोप से निर्मित स्थिति एवं इससे मुकाबला करने के लिए एसईसीएल द्वारा किए गए विभिन्न कार्यों का जिक्र किया। उन्होंने विशेष तौर पर छत्तीसगढ़ स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी को दिए गए 10 करोड़ की वित्तीय सहायता, बिलासपुर एवं अम्बिकापुर में एक्सक्लूसिव कोविड ट्रिटमेंट सेन्टर शुरू कराने के लिए 8.27 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता आदि का उल्लेख किया।
देश की कोयला आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए एसईसीएल निरंतर प्रयासरत है, इसी आशय को उद्घृत करते हुए ए.पी. पण्डा ने कहा कि एसईसीएल तेजी से अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है। तमाम विषमताओं एवं चुनौतियों के बावजूद एसईसीएल ने दिनांक 20 जनवरी 2021 को 100 मिलियन टन कोयला उत्पादन का माईलस्टोन हासिल किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कोयला उत्पादन की यह तेजी आगे भी बरकरार रहेगी।
एसईसीएल को उन्नत तकनीक की दिशा प्रदान करने के लिए कई पहल किए गए हैं। इस दिशा में विशेष तौर पर कम्पनी द्वारा फस्र्ट माईल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। श्री पण्डा ने बताया कि इस वर्ष कुसमुण्डा सीएचपी द्वितीय चरण में साईडिंग के साथ आरएलएस सुविधायुक्त 4 साईलो का कार्य पूरा होने की उम्मीद है। साथ ही अन्य योजनाओं जैसे-ं गेवरा में साईडिंग के साथ लोड आऊट सिस्टम, साईलो 5 एवं 6 में आरएलएस युक्त इनपिट बेल्ट कन्वेयर सिस्टम, कुसमुण्डा में इनपिट बेल्ट कन्वेयर सिस्टम, मानिकपुर, बरौद एवं छाल में सीएचपी साईडिंग के साथ साईलो, दीपका में मैकेनाईज्ड व्हार्फ वाल सिस्टम का निर्माण आदि, तेजी से आगे बढ़ रहे हैं तथा अगले दो वर्षों में इन सभी प्रोजेक्ट्स का पूरा होना अपेक्षित है। उन्होंने आगे कहा कि भूमिगत खदानों जैसे केतकी, कुरजा एवं गायत्री में कान्टिन्यूएस माईनर तकनीक का नियोजन, खुली खदानों में सरफेस माईनर लगाने आदि पर भी कार्य जारी है।
परियोजना विस्तार के संदर्भ में ए.पी. पण्डा ने अपने सम्बोधन में कहा कि दीपका ओसी एक्सपेंशन (40 एमटीवाई) तथा पोरदा चिमटापानी ओसी (10 एमटीवाई) के प्रोजेक्ट रिपोर्ट का कोल इण्डिया लिमिटेड से अनुमोदन प्राप्त हुआ है। खदान क्षेत्रों में ग्रीन कव्हरेज को बढ़ाए जाने के लक्ष्य से वर्ष 2020- 21 में 6.75 लाख पौधरोपण का लक्ष्य पूर्ण किया जा चुका है।
पारम्परिक कोयला उत्पादन के अतिरिक्त भी एसईसीएल नए तकनीक के क्षेत्र में कदम बढ़ा रही है। इस संदर्भ में ए.पी. पण्डा ने कहा कि एसईसीएल सरफेस कोल गैसिफिकेशन, कोलबेड मिथेन एवं सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित सोहागपुर क्षेत्र में, कोल बेड मिथेन ब्लॉक चिन्हित किया गया है। इसी प्रकार सौर ऊर्जा के क्षेत्र में, भटगांव एवं बिश्रामपुर क्षेत्र की एसईसीएल भूमि पर, ग्रीड से जुड़े लगभग 40 मेगावाट सतह आधारित सोलर पावर प्लांट, छत्तीसगढ़ राज्य में ग्राऊण्ड माऊण्टेड एवं ग्रीड कनेक्टेड केप्टिव उपभोग के लिए 100 मेगावाट सोलर पावर प्रोजेक्ट की सैद्धांतिक स्वीकृति, एसईसीएल के विभिन्न क्षेत्रों में रूफटॉप सोलर पॉवर प्लांट की योजनाएँ आदि परियोजनाएँ प्रगति पर हैं।
एसईसीएल प्रशासनिक भवन प्रांगण में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ए.पी. पण्डा, निदेशक (कार्मिक) डॉ. आर.एस. झा, मुख्य सतर्कता अधिकारी बी.पी. शर्मा, निदेशक तकनीकी (संचालन) एम.के. प्रसाद, निदेशक (वित्त) एस.एम. चौधरी, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एस. के. पाल, एसईसीएल संचालन समिति के माननीय सदस्य हरिद्वार सिंह, महाप्रबंधक (कार्मिक/प्रशासन) ए.के. सक्सेना, विभिन्न विभागाध्यक्षों, श्रमसंघ प्रतिनिधियों ने शहीद स्मारक, भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा व खनिक प्रतिमा पर माल्यार्पण किए। इस कार्यक्रम का आयोजन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सम्पन्न हुआ।