छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 31 दिसंबर 2020। चार राज्यों में कोरोना के वैक्सीनेशन की तैयारियों का कामयाब ट्रायल कराने के बाद केंद्र सरकार ने अब पूरे देश में ड्राई रन कराने का फैसला लिया है। दो जनवरी को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के एक साथ ड्राई रन कराया जाएगा। इसके लिए राजधानियों में तीन पॉइंट तय किए जाएंगे। राज्यों को यह छूट रहेगी कि वे इस प्रोसेस में दूरदराज के उन जिलों को शामिल कर सकते हैं जहां वैक्सीन पहुंचाने में मुश्किल आ सकती है।
राज्यों के साथ हाईलेवल मीटिंग के बाद हेल्थ मिनिस्ट्री ने गुरुवार को बताया कि इस मेगा ड्रिल का मकसद कोल्ड चेन मैनेजमेंट, वैक्सीन की सप्लाई, स्टोरेज और लॉजिस्टिक्स के अलावा पूरी मशीनरी की तैयारियों का परखना है। देश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र और केरल अपनी राजधानी के अलावा कुछ और बड़े शहरों में भी ड्राई-रन कर सकते हैं।
बीते 28 और 29 दिसंबर को पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश और गुजरात के दो-दो जिलों में वैक्सीनेशन के लिए मशीनरी की तैयारी को परखा गया था।
हर पॉइंट पर 25 हेल्थ वर्कर शामिल होंगे
महाराष्ट्र और केरल ने तय किया है कि वे राजधानी के अलावा अपने बड़े शहरों में भी ड्राई रन करेंगे। केंद्र सरकार ने 20 दिसंबर को इसके लिए गाइंडलाइंस जारी की थीं। इसके लिए मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज वैक्सीनेशन प्रोसेस में हिस्सा लेने वाले 25 हेल्थ वर्कर की लिस्ट तैयार करेंगे। राज्यों को यह तय करना होगा कि उनका डेटा को-विन पर अपलोड हो जाए। ये हेल्थ वर्कर ड्राई रन के दौरान मौजूद रहेंगे।
ड्राई रन क्या है?
अब तक सरकार सिर्फ बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ही वैक्सीनेट करती रही है। इसके लिए भी अलग-अलग राज्यों में हफ्ते का एक दिन तय होता है। यह पहला मौका है जब देश में वयस्क आबादी को भी वैक्सीनेट किया जाएगा। इस वजह से वैक्सीनेशन ड्राइव के लिए सरकारी मशीनरी की तैयारी देखने के लिए केंद्र सरकार ड्राई रन करा रही है।
इसमें राज्यों में कोल्ड चेन से वैक्सीनेशन साइट्स तक वैक्सीन लाने-ले जाने की प्रक्रिया परखी जाएगी। इसी तरह वैक्सीनेशन साइट्स पर किस तरह की दिक्कतें आ सकती है, यह भी पता लगाने की कोशिश होगी।
ऐसे परखी जाएगी पूरी प्रोसेस
ड्राई रन में कोविन (Co-WIN) पर जरूरी डेटा एंट्री होगी। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर वैक्सीन डिलीवरी, टेस्टिंग की रिसीप्ट और आवंटन, टीम मेंबर्स की नियुक्ति, वैक्सीनेशन साइट्स पर मॉक ड्रिल की निगरानी होगी।
कोविड-19 वैक्सीन के लिए कोल्ड स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन अरेंजमेंट्स की रियल-टाइम ट्रैकिंग इसमें शामिल है। वैक्सीनेशन साइट्स पर भीड़ के प्रबंधन के साथ ही फिजिकल डिस्टेंसिंग को भी देखा जा रहा है।