छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 05 दिसंबर 2024। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हमलावर हैं। वे रोज ही दिल्ली में हो रहे अपराध को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल वीके सक्सेना को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। इससे संकेत मिल रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी कानून व्यवस्था को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने जा रही है। इसके साथ ही ‘आप’ महिलाओं की असुरक्षा को भी आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान जोर-शोर से उठाने की तैयारी में दिख रही है।
दिल्ली में बढ़ते अपराध को देखते हुए सवाल उठता है कि क्या दिल्ली क्राइम कैपिटल बन चुकी है? खासकर महिलाओं के लिए खौफनाक मेट्रोपॉलिटन सिटी? आप आदमी पार्टी ने इसके लिए दिल्ली में कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रही केंद्र सरकार और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जिम्मेदार ठहरा रही है। पार्टी ने केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के नाते एलजी विनय सक्सेना को जवाबदेह ठहराया है। केजरीवाल समेत पार्टी के सभी प्रमुख नेता आक्रामक रणनीति अपनाए हुए हैं। ऐसे में भयमुक्त प्रशासन देने का ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा के सामने चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। केजरीवाल ने सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि यूपी को भी कानून-व्यवस्था के मामले में लपेटे में लिया है, जिसे भाजपा मॉडल के रूप में पेश करती रही है। दिल्ली में अपराध के मामले में पूरे तथ्यात्मक सबूत के साथ प्रेस कॉन्फ्रेन्स करके अरविंद केजरीवाल ने चुनावी मुद्दा गढ़ दिया है।
एनसीआरबी के ताजा आंकड़े चौंका रहे
आम आदमी पार्टी के मुताबिक, दिल्ली क्राइम कैपिटल बन चुकी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और एलजी विनय सक्सेना का कार्यकाल दिल्ली के लिए अभिशाप बन चुका है। केंद्रीय गृहमंत्री दिल्ली को सुरक्षित और अपराधमुक्त जीवन देने में विफल रहे हैं और दिल्ली इन दिनों अपराधियों के भरोसे है। एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों का हवालो देते हुए पार्टी ने बताया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले 2013 में जहां 12,888 थे, वहीं अब ये बढ़कर 14,446 हो चुके हैं। दिल्ली की स्थिति यह है कि यहां हर दो घंटे में महिला का अपहरण हो रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में हर दिन तीन दुष्कर्म की घटना ने देश की नींद उड़ा दी है। आदमी पार्टी ने बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि एलजी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गहरी नींद में सो रहे हैं।
भाजपा पर जमकर साधा निशाना
आम आदमी पार्टी ने कहा कि जहां-जहां भाजपा का शासन है, वहां अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। दिल्ली में कानून-व्यवस्था केंद्रीय गृह मंत्रालय देखता है, यहां के हालात किसी से छिपे नहीं हैं। महिलाओं के अत्याचार के मामले में उत्तर प्रदेश टॉप पर है, जहां योगी आदित्यनाथ की सरकार है। बुलडोजर मॉडल वास्तव में अन्याय का मॉडल बनकर पेश हुआ है और सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है। कानून-व्यवस्था के मामले में हर हफ्ते किसी न किसी मामले में योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फटकार लग रही है।
एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 65,743 एफआईआर अकेले यूपी में दर्ज हुए हैं, जो देश में सबसे ज्यादा है। देश में हर 51वें मिनट पर महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं घट रही है। यूपी का उल्लेख इसलिए भी होता है, क्योंकि यहां पुलिस की कस्टडी में हत्या हो जाती है, जज के सामने गोली चल जाती है। यूपी से सटी हुई दिल्ली में भी कानून-व्यवस्था बीजेपी की केंद्र सरकार के हाथों में है। अपराध की संख्या के मामले में अगर यूपी टॉप पर है तो अपराध की दर के मामले में दिल्ली ने पहला मुकाम बना रखा।
केजरीवाल ने लिखी थी चिट्ठी
दिल्ली में अपराध की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जून 2023 को ही एलजी को चिट्ठी लिखी थी। मगर स्थिति सुधरने के बजाए बिगड़ती रही। हर दिन 23 बच्चे, 40 महिलाएं और सीनियर सिटिजन दिल्ली में घृणित अपराध का शिकार हो रहे हैं। जी-20 की आयोजक होकर भी दिल्ली में अपराध की दर देश में शीर्ष पर है। दिल्ली में 2022 में 4,34,288 आपराधिक मामले दर्ज हुए यानी औसतन 1189 अपराध प्रतिदिन। इन्हीं आंकड़ों के आलोक में आम आदमी पार्टी का आरोप है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और कासकर एलजी विनय सक्सेना के नेतृत्व में अपराध की दर बढ़कर 1832.6/लाख आबादी हो चुकी है। अपराधियों के खिलाफ आरोप दायर करने में भी दिल्ली बहुत पीछे है। केरल में जहां 96 प्रतिशत चार्जशीट दायर हुई है, वहीं दिल्ली में महज 30 प्रतिशत। पार्टी ने आरोप लगाया कि दिल्ली के तिहाड़ जेल से जिस तरह लॉरेंस बिश्नोई को गुजरात की जेल में ले जाया गया और संगठित अपराध का नेटवर्क चल रहा है वह भी देशव्यापी सवाल बन चुका है।