छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
शिमला 24 अक्टूबर 2024। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में विश्व के दूसरे और देश के सबसे लंबे यानी करीब 14 किलोमीटर के रोपवे के निर्माण कार्य को जल्द शुरू किया जाएगा। राज्य सरकार ने रोपवे की पर्यावरण मंजूरी के लिए 20 करोड़ जारी कर दिए हैं। उप ममुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने गुरुवार को शिमला में आयोजित प्रेसवार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद शिमला रोपवे की डीपीआर बनाई गई। फॉरेन कंसल्टेंट हायर किया और करीब साढ़े 12 करोड़ खर्च किए। रोपवे का टेंडर दस्तावेज भी तैयार कर दिया है। इसकी पर्यावरण मंजूरी के लिए 20 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है।
रोपवे में 13 स्टेशन बनेंगे, पूरा शहर होगा कवर
मुकेश ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि डीपीआर भी नहीं बनी थी, लेकिन कई लोग सपने में रोपवे बनाकर चले गए। यह रोपवे शिमला के लिए संजीवनी साबित होगा। शहर में जाम से निजात मिलेगी। विश्व में इससे बड़ा रोपवे सिर्फ एक है बोलीविया में ही है, लेकिन भारत का यह एक सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इसमें 660 ट्राॅली लगेगी। एक घंटे में छह हजार लोग यात्रा कर सकेंगे। 13 स्टेशन बनेंगे, जहां ट्राॅली विभिन्न लाइनों पर रुकेंगी। तारादेवी से शुरू होकर रोपवे पूरे शिमला को कवर करेगा। तारादेवी, चक्कर, टुटीकंडी, 103 टनल, आईएसबीटी, विक्ट्री टनल, आईजीएमसी, संजाैली, नवबहार व राज्य सचिवालय में स्टेशन बनेंगे।
अगला रोपवे परवाणू से शिमला के लिए बनेगा
मुकेश ने कहा कि रोपवे हिमाचल का भविष्य है। ऑस्ट्रिया में 25 हजार रोपवे हैं। प्रदेश व केंद्र सरकार शिमला रोपवे प्रोजेक्ट के लिए गंभीर है। केंद्र ने भी इस प्रोजेक्ट में मदद की है। प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला चरण हमारी सरकार में निश्चित ताैर पर पूरा होगा। रोहतांग रोपवे प्रोजेक्ट भी जल्द आकार होगा। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अगला रोपवे परवाणू-शिमला का होगा। इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की लंबाई 39 किलोमीटर होगी। इसमें छह स्टेशन होंगे। रोपवे कारपोरेशन इस पर काम कर रहा है।
1,734 करोड़ खर्च होंगे
मुकेश ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता शिमला रोपवे को सफलतापूर्वक शुरू करना है। इस पर करीब 1,734 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रोपवे प्रोजेक्ट के लिए 80 फीसदी राशि एनडीबी बतौर ऋण देगा। 20 फीसदी की राशि प्रदेश सरकार खर्च करेगी। रोपवे का किराया बस का ही होगा। मंदिरों के रोपवे प्रोजेक्टों पर भी काम किया जा रहा है। रोपवे में सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण होती है। देसी लाइनों पर रोपवे नहीं लगेंगे। विश्वस्तरीय मानकों पर रोपवे लगाए जाएंगे।