छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 16 मार्च 2023। कांग्रेस ने अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में सेबी और रिजर्व बैंक के प्रमुखों, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों व अन्य नियामक संस्थाओं को संसद की स्थायी समिति के समक्ष बुलाने की मांग की है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस मामले में उनकी तरफ से तो कोई चूक नहीं हुई है। सूत्रों ने बताया कि वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति की बैठक के दौरान कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने यह मुद्दा उठाया। तिवारी की मांग का उनकी पार्टी के सदस्य गौरव गोगोई और प्रमोद तिवारी, टीएमसी के सौगत रॉय और बीजेडी के पिनाकी मिश्र और अमर पटनायक ने समर्थन किया।
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद, एसएस अहलूवालिया और सुशील कुमार मोदी ने इसका विरोध किया। इनका कहना था कि यह मामला न्यायालय के विचाराधीन और सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर एक समिति का भी गठन किया है।
मीडिया रिपोर्ट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना
इससे पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी सांसदों ने अदाणी समूह के एक प्रमुख निवेशक को रक्षा फर्म में सह मालिक बनाने वाली मीडिया रिपोर्ट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल ने पूछा, अज्ञात विदेशी संस्थाओं को रणनीतिक रक्षा उपकरणों का नियंत्रण देकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से ‘समझौता’ क्यों किया जा रहा है। राहुल विदेश से भारत लौट आए, लेकिन संसद नहीं पहुंचे।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट में दावा किया गया कि एलारा कैपिटल की उद्यम पूंजि कोष ‘इलारा इंडिया अपार्च्युनिटीज फंड’ (इलारा आईओएफ) मॉरीशस में पंजीकृत शीर्ष चार संस्थाओं में से एक है। इसके अदाणी समूह की कंपनियों में शेयर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अदाणी समूह के साथ यह कंपनी भी बंगलूरू स्थित रक्षा कंपनी अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड में प्रमोटर इकाई है। 2003 में निगमित यह रक्षा कंपनी इसरो और डीआरडीओ के साथ मिलकर काम करती है। इसने 2020 में रक्षा मंत्रालय के साथ पुरानी होती पिकोरा मिसाइल और रडार सिस्टम को अपग्रेड और डिजिटाइज करने के लिए 590 करोड़ रुपये का करार भी किया है।