छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
अयोध्या 05 जुलाई 2024। उत्तर प्रदेश में पहली ही बारिश में अयोध्या में 844 करोड़ के बजट से नवनिर्मित रामपथ के निर्माण की पोल खोल दी है। करोड़ो की लागत से बने रामपथ पर पहली बारिश में ही गड्ढे बन गए हैं। इर रामपथ का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद किया था। हालांकि छह महीने के भीतर ही सड़कों पर दिख रहे गड्डों ने निर्माण कार्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसे लेकर अब सियासत भी गर्म हो गई है। विपक्ष के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी लोग इस गड़बड़ी को लेकर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
6 अफसरों पर एक्शन, गुजरात की कंपनी को नोटिस
रामपथ के जगह-जगह धंस जाने पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सख्त कदम उठाया है। सड़क पर हुए गड्ढों की वजह से निर्माण कार्य पर उठ रहे सवालों पर लोक निर्माण विभाग और जल निगम के दो अधिशासी इंजीनियर, 2 सहायक इंजीनियर और 2 अवर इंजानियर को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ-साथ ही गुजरात की कार्यदायी संस्था मेसर्स भुगन इंफ्राकॉन प्रालि. को भी नोटिस भेजा गया है। जल निगम के मुख्य अभियंता लखनऊ क्षेत्र को जांच अधिकारी नामित करते हुए 30 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
जेसीवी की मदद से गड्ढे में मिट्टी भरी जा रही
अयोध्या में हुई पहली बारिश ने रामपथ मार्ग और उससे जुड़ी गलियों में काफी पानी भर गया है, जिसके वजह से नवनिर्मित सड़कें कई स्थानों पर घंस गईं है। इसे देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने आनन-फानन में सभी गड्ढे को भरना शुरू कर दिया है। जेसीवी की मदद से सड़क पर हुए गड्ढे में मिट्टी भरी जा रही है और रोड को ठीक किया जा रहा है। हालांकि मानसून शुरू होने से पहले और निर्माण होने के छह महीने बाद ही सड़कों पर दिख रहे गड्ढे कई सवालों को खड़ा कर रहा है।
निर्माण में इंजीनियरिंग समस्या और टेक्निकल एरर- मेयर
इस बीच अयोध्या की मेयर गिरीश पति त्रिपाठी ने माना है कि रामपथ के निर्माण में इंजीनियरिंग समस्या और टेक्निकल एरर है। उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया ने रामपथ की चमक 22 जनवरी को देखी है। किसी भी महानगर में इतना लंबा लगभग 13 किलोमीटर और इतना सुंदर पथ नहीं है। कुछ इंजीनियरिंग प्रॉब्लम है कुछ टेक्निकल एरर हैं। जो समय के साथ पहली, दूसरी बरसात में ठीक हो जाएगा और हम लोग समय रहते उसको देखते रहते हैं। रामपथ हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है और अगर कहीं भी खराबी आती है तो उसको ठीक किया जाएगा।