छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
मुंबई 10 मई 2024। पुणे की एक विशेष अदालत ने तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में शुक्रवार को दो आरोपियों सचिन अंदुरे और सारद कालस्कर को दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने तीन अन्य लोगों, वीरेंद्र तावड़े, वकील संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे को भी सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तावड़े पर इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप लगाया था। 2013 के हत्या मामले की सुनवाई 2021 में शुरू हुई थी जबकि पुणे सत्र न्यायाधीश पीपी जाधव ने पिछले महीने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक दाभोलकर को 20 अगस्त, 2013 को पुणे में सुबह की सैर के दौरान दो बाइक सवार हमलावरों ने गोली मार दी थी। वह कई वर्षों से समिति चला रहे थे, जब उन्होंने विभिन्न पुस्तकें प्रकाशित कीं और अंधविश्वास उन्मूलन की दिशा में कार्यशालाएँ आयोजित कीं।