मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक , चुनाव आयोग को दी फैसला लेने की अनुमति
छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
नई दिल्ली 21 अक्टूबर 2020। कोरोना के बीच बिहार चुनाव में जहां रैलियों में जबरदस्त भीड़ नजर आ रही है वहीं मध्य प्रदेश उपचुनाव में गाइडलाइंस को लेकर केस तक दर्ज हो रहे हैं। यहां तक कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़ी याचिका पर एक अहम आदेश दिया और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों को चुनाव प्रचार वर्चुअल माध्यम से करने का आदेश दिया था. ये आदेश 20 अक्टूबर को दिया गया था । हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। ग्वालियर सीट से बीजेपी के उम्मीदवार प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भी इसी मामले में याचिका लगाई।
सोमवार को याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग ऐसे मामलों में तय करे कि फिजिकल कैंपेन पर क्या करना है और कैसे करना है। आयोग अपने अनुभव और विवेक के आधार पर ऐसे फैसले लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र और सक्षम है।
याचिका में आयोग ने क्या कहा था
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका में कहा था कि चुनाव किस तरह से कराए जाने हैं, यह जिम्मेदारी आयोग की है और पूरी सावधानी के साथ आयोग उपचुनाव करा रहा है। ऐसे में हाई कोर्ट द्वारा रोक लगाना उचित नहीं है।
हालांकि, सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक टिप्पणी करते हुए कहा कि पार्टियों ने सही ढंग से व्यवहार किया होता और प्रोटोकॉल का पालन किया होता तो यह स्थिति नहीं होती, आपको खुद से पूछना चाहिए कि इस स्थिति के लिए पहले कौन जिम्मेदार है?
वहीं, इस महत्वपूर्ण टिप्पणी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया । साथ ही मामले से जुड़ी याचिकाओं पर अगली सुनवाई 6 हफ्ते के लिए टाल दी है। बता दें कि मध्य प्रदेश में उपचुनाव 3 नवंबर को होने हैं यानी जब तक मामले की अगली सुनवाई होगी तब तक चुनाव के नतीजे भी आ चुके होंगे।