‘2050 से पहले कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता को पूरी तरह कम करना लक्ष्य’, दुबई में बोले पीएम मोदी

Chhattisgarh Reporter
शेयर करे

छत्तीसगढ़ रिपोर्टर

दुबई 02 दिसंबर 2023। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया से विकासशील और निर्धन देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करने के लिए वित्त के मामले में ठोस नतीजे देने का आह्वान करते हुए शुक्रवार को कहा कि विकसित देशों को 2050 से पहले कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता को पूरी तरह कम करना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां सीओपी28 में ‘ट्रांसफॉर्मिंग क्लाइमेट फाइनेंस’ पर एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ‘न्यू कलेक्टिव क्वांटिफाइड गोल’ (एनसीक्यूजी) पर ठोस और वास्तविक प्रगति की उम्मीद करता है, जो 2025 के बाद का एक नया वैश्विक जलवायु वित्त लक्ष्य है।

इन देशों ने प्रतिबद्धता को पूरा नहीं किया
उन्होंने कहा, ‘‘विकसित देशों को 2050 से पहले ही कार्बन उत्सर्जन की तीव्रता को पूरी तरह कम करना चाहिए।” विकसित देशों ने 2009 में जलवायु परिवर्तन से निपटने के वास्ते विकासशील देशों की सहायता के लिए 2020 तक प्रतिवर्ष 100 अरब अमेरिकी डॉलर जुटाने का वादा किया था। वर्ष 2025 तक इस उद्देश्य के लिए समयसीमा के विस्तार के बावजूद, इन देशों ने इस प्रतिबद्धता को पूरा नहीं किया है। सीओपी28 का लक्ष्य 100 अरब अमेरिकी डॉलर के लक्ष्य को पूरा करते हुए 2025 के बाद के नए वैश्विक जलवायु वित्त लक्ष्य के लिए आधार तैयार करना है।

एडॉप्टेशन फंड में पैसे की कमी नहीं होनी चाहिए 
इन देशों का लक्ष्य 2024 में सीओपी29 तक इस नए लक्ष्य को अंतिम रूप देना है। मोदी ने कहा कि हरित जलवायु कोष और अनुकूलन कोष (एडॉप्टेशन फंड) में पैसे की कमी नहीं होनी चाहिए और इनकी तुरंत पूर्ति की जाए। उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय विकास बैंकों को न केवल विकास के लिए बल्कि जलवायु कार्रवाई के लिए भी किफायती वित्त उपलब्ध कराना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और ‘ग्लोबल साउथ’ के अन्य देशों ने जलवायु संकट में बहुत कम योगदान दिया है, लेकिन ये सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।

विकसित देशों से हर संभव मदद की उम्मीद
उन्होंने कहा, ‘‘संसाधनों की कमी के बावजूद, ये देश जलवायु कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उल्लेखनीय है ‘ग्लोबल साउथ’ में अल्प विकसित और विकासशील देश आते हैं जिनमें से अधिकतर दक्षिणी गोलार्द्ध में अवस्थित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जलवायु वित्त और प्रौद्योगिकी ‘ग्लोबल साउथ’ की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।” उन्होंने कहा कि ‘ग्लोबल साउथ’ के देश जलवायु संकट से निपटने के लिए विकसित देशों से हर संभव मदद की उम्मीद करते हैं। 

Leave a Reply

Next Post

सांस लेने में हो रही दिक्कत, बच्चे खांस रहे हैं...दिल्ली का प्रदूषण से हुआ बुरा हाल, हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब'

शेयर करे छत्तीसगढ़ रिपोर्टर नई दिल्ली 02 दिसंबर 2023। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता कई क्षेत्रों में ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, आनंद विहार और अशोक विहार में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ दर्ज की गई। शनिवार सुबह […]

You May Like

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बोले- रामभक्तों और रामद्रोहियों के बीच है लोकसभा चुनाव....|....'आप ये मत सोचिए कि मैं रायबरेली से चुनाव लड़ रहा हूं...अमेठी का हूं और अमेठी का ही रहूंगा': राहुल गांधी....|....छत्तीसगढ़ बीजेपी के मंत्रियों और विधायकों ने ओडिशा और झारखंड में झोंकी ताकत; गिना रहे मोदी सरकार की उपलब्धियां....|....सेहत को एक नहीं बल्कि कई फायदे देता है बेल का शरबत, घर में इस तरह कर सकते हैं तैयार....|....न्यूट्रिशनिस्ट ने बताए ऐसे 3 बीज जो महिलाओं को जरूर करने चाहिए डाइट में शामिल, सेहत हमेशा रहती है अच्छी....|...."अरविंद केजरीवाल के कैंपेन में 'बड़ी बोतलें'....": अमित शाह का शराब नीति को लेकर तंज....|....कान्स लुक्स से ज्यादा ऐश्वर्या के संस्कारों की हो रही तारीफ, लोग बोले- अराध्या जैसी बेटी सबको मिले....|....मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव बोले- यदि कोई व्यक्ति भ्रष्ट है तो उसे जेल जाना होगा....|....कोरबा जेल में बंद चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर की मौत, अचानक बिगड़ी थी तबीयत....|....दिल्ली में बढ़ेगा सियासी पारा, 18 मई को राहुल गांधी और पीएम मोदी करेंगे चुनावी जनसभा