छत्तीसगढ़ रिपोर्टर
भोपाल 01 अगस्त 2023। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा का चेहरा कौन इसे लेकर बना सस्पेंस अब खत्म हो गया है। पार्टी ने तय किया है कि इन चुनावों में पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहारे मैदान में उतरेगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इंदौर रैली के जरिए इसके संकेत दे दिए हैं। शाह ने दिग्गज भाजपा नेताओं की मौजूदगी में कार्यकर्ता को सबसे महत्त्वपूर्ण बताते हुए “चेहरे” की बजाए कार्यकर्ताओं के भरोसे चुनाव मैदान में उतरने पर पूरा जोर दिया है।
इसी बीच पार्टी ने चुनाव में मोदी के नाम को भुनाने की पूरी तैयारी कर ली है। मोदी के मन में बसे एमपी, एमपी के मन में मोदी… थीम पर कई ऑडियो और वीडियो गीत बनकर तैयार किए गए है। इन गानों में उनका पूरा मध्य प्रदेश कनेक्शन बताया गया है। यही नहीं केंद्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं को शामिल कर उनके चेहरे को ही तवज्जो दी गई है। चुनाव से पहले इन गानों के जरिए यह बताया जाएगा कि, पीएम नरेंद्र मोदी का मध्यप्रदेश से क्या नाता रहा है। पीएम का एमपी के शहरों और गांवों से कितना पुराना रिश्ता है। इसलिए उन्हें प्रदेश की ज्यादा चिंता है। पार्टी आने वाले दिनों में इसे लांच करेगी।
इन पर आधारित होंगे चुनावी थीम सांग
– महाकाल लोक का लोकार्पण भोले बाबा के मन भाया, मोदी जैसा भक्त है आया… इसमें मोदी को महाकाल का भक्त बताते हुए महाकाल लोक के लोकार्पण के वीडियो दिखाए गए हैं।
– युवा को नॉलेज, नए मेडिकल कॉलेज गाने की थीम है…इसमें बताया गया है कि प्रदेश में कैसे कॉलेज और शिक्षा का क्षेत्र में विकास हुआ है।
– जनजाति मुख्य धारा में, घर-घर राशन.. यह गाना विशेष तौर पर जनजाति क्षेत्रों के लिए तैयार किया गया है। इसमें मजदूरों और किसानों का फोकस रखा गया है।
नाम न छापने के अनुरोध पर प्रदेश के भाजपा पदाधिकारी का कहना है कि इन चुनावों का सीधा असर लोकसभा चुनावों पर भी नजर आएगा। इसलिए पीएम मोदी और अमित शाह को एमपी के मैदान में उतरना पड़ रहा है। हिंदी पट्टी के मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले चुनावों में भाजपा के लिए सबसे अहम मध्य प्रदेश ही है। प्रदेश में (कमलनाथ सरकार के 15 महीने छोड़कर) बीते 17 साल से भाजपा काबिज है। यदि यहां भाजपा को झटका लगता है तो इसका सीधा असर लोकसभा चुनाव तक बना रहेगा। यही वजह है कि भाजपा का सबसे ज्यादा फोकस मध्यप्रदेश पर है। चुनाव में चेहरा पीएम मोदी ही होंगे लेकिन इसकी कोई आधिकारिक घोषणा समय आने पर होगी।
मोदी के सहारे चुनावी फायदे की उम्मीद
मध्य प्रदेश में 17 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। ऐसे में भाजपा और सरकार के लिए इन दिनों जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर देखने को मिल रही है। बीते दिनों आई कुछ सर्वे रिपोर्ट में भी पार्टी को खराब ‘रेस्पांस’ मिल रहा है। इसी को देखते हुए अब पार्टी पुराने चेहरों को आगे रखने के बजाए पीएम मोदी के चेहरे को सामने ला रही है। ताकि सत्ता विरोध लहर और लोगों की नाराजगी का असर थोड़ा कम हो।
– मोदी के नाम पर पार्टी एकजुट रहेगी। कई गुटों में बंटे नेता मोदी के नाम पर एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरेंगे।
– टिकट वितरण के ज्यादातर फैसले भी केंद्रीय नेतृत्व खुद लेगा।
– 100 से ज्यादा टिकट कटेंगे। नए और युवा उम्मीदवार को मौका मिलेगा। अगर पीएम मोदी और केंद्रीय नेतृत्व काम संभालेंगे तो भीतरघात को कंट्रोल करना आसान होगा।
– सत्ता विरोधी लहर को मोदी की अगुवाई में कंट्रोल करना आसान होगा।
– भाजपा के सर्वे में कई मंत्रियों और विधायकों की रिपोर्ट ठीक नहीं है। ऐसे में इनके टिकट काटने पड़ सकते हैं। मोदी की नेतृत्व में विद्रोह कर पाना मुश्किल होगा।
– सिंधिया गुट के बड़े स्तर पर टिकट कट सकते हैं। ऐसे में अगर बगावत हुई तो सिंधिया को भी अपने लोगों को चुप कराना पड़ेगा।